डीएनए हिंदी: पहले संतोष सुमन ने बिहार कैबिनेट से इस्तीफा दिया. अब जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने महागठबंधन से अलग होने के ऐलान कर दिया है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे और HAM के अध्यक्ष संतोष सुमन ने कहा कि पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में यह सहमति बनी कि हम बिहार की महागठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लें. अब चर्चा है कि जीतन राम मांझी एक बार फिर से बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं. हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि बीजेपी गठबंधन में मांझी को क्या मिलने वाला है.
HAM के मुखिया संतोष सुमन ने पत्रकारों से कहा, "पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से मुझे और पार्टी के संस्थापक संरक्षक जीतन राम मांझी को किसी भी निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है. उन्होंने कहा कि ''जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह पार्टी और राज्य की जनता के हित में होगा.'' बैठक के बाद पार्टी के अध्यक्ष सुमन ने कहा कि जीतन राम मांझी और वह खुद दिल्ली जाएंगे और नई संभावनाओं पर विचार करेंगे. वे दिल्ली में एनडीए के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे."
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अमित शाह से मुलाकात की है तैयारी
सुमन ने कहा है कि जल्द ही राज्यपाल से मिलकर महागठबंधन से समर्थन वापसी का पत्र सौंपा जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं और सभी संभावनाओं पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा. पार्टी के सूत्रों का मानना है कि मांझी मंगलवार को गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह से मिल सकते हैं. इससे पहले संतोष सुमन ने नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
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इस इस्तीफे के बाद से ही समझा जा रहा था कि HAM अब महागठबंधन में आगे नहीं बढ़ सकता. माना जाता है कि HAM का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर समर्थन वापसी का पत्र सौंपेगा और फिर दिल्ली रवाना हो जाएगा. चर्चाएं हैं कि HAM बिहार में कुछ लोकसभा सीटों के लिए बीजेपी से मोलभाव कर सकती है. यह भी कहा जा रहा है कि जीतन राम मांझी को किसी राज्य का राज्यपाल भी बनाया जा सकता है.
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