डीएनए हिंदी: बिहार की महागठबंधन सरकार को एक छोटा सा झटका लगा है. हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM) के नेता जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने बिहार सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. बीते कुछ दिनों से जीतन राम मांझी भी इसी तरह के संदेश दे रहे थे. यह दूसरी बार है जब मांझी ने नीतीश कुमार का साथ छोड़ा है. चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के लिए मांझी एक बार फिर से एनडीए के साथ जा सकते हैं और लोकसभा सीट के लिए बीजेपी से कुछ मोलभाव कर सकते हैं.
हाल ही में मांझी ने कहा था कि अगर महागठबंधन में उन्हें सम्मान नहीं मिला तो वह बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि संतोष सुमन बिहार सरकार में एसटी-एसटी कल्याण मंत्री थे. इस्तीफा देते समय संतोष सुमन ने कहा है कि उनकी पार्टी पर जेडीयू की ओर से दबाव बनाया जा रहा था कि वह HAM का विलय जेडीयू में करा दें.
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अभी स्वीकार नहीं होगा इस्तीफा?
सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार नहीं चाहते कि मांझी उनसे अलग हों. इसी वजह से उन्होंने विजय चौधरी को मांझी से मिलने भी भेजा था. दूसरी तरफ जीतन राम मांझी ने भी कहा है कि अगर नीतीश कुमार उनकी मांग मान लें तो वह महागठबंधन में बने रहेंगे. हालांकि, मांझी ने यह नहीं बताया कि उनकी मांगें क्या हैं?
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राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मांझी लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में से 5 लोकसभा सीटें HAM के लिए चाहते हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में HAM को सिर्फ चार सीटें मिली थीं ऐसे में पांच लोकसभा सीटें देने के लिए महागठबंधन किसी भी सूरत में तैयार नहीं होगा.
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