Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव में अभी एक साल से भी अधिक समय बाकी हैं, लेकिन सियासत का पारा अभी से चढ़ा हुआ है. राजनीतिक दलों ने राजनीति की रणनीती तैयार करना शुरू कर दी है. खासकर NDA के खेमे में बड़ी हलचल देखने को मिल रही है.
बीते दिनों नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी में बड़ा बदलाव किया है. उन्होंने संजय झा को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. वहीं पूर्व IAS मनीष वर्मा को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. कुछ राजनीतिक विश्लेष्कों का मानता है कि मनीष कुमार नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी भी हो सकते हैं.
उधर दूसरी तरफ NDA के साथी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा सेक्युलर के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के राजनीतिक दावों ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है. उन्होंने कहा है कि 'हम कम से कम 25 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन हमारी तैयारी 75 से 100 सीटों पर है.'
बिहार में अभी चुनाव में करीब 1 साल का समय बाकी है. लेकिन सीटों का बटवारा अभी से चालू हो गया है. मांझी ने एक दिन पहले ही बिहार के मुख्यमंत्री और एनडीए की सहयोगी पार्टी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पर अपनी पार्टी हम को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी.
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जीतन राम मांझी के 25 सीटों के दावा बिहार में विपक्ष को घेराव करने का एक मौका हो सकता है. मांझी ने 25 सीटों पर दावा ठोंक कर अभी से दबाव की राजनीति शुरू कर दिया है.
उन्होंने कहा कि "हम 25 सीटों पर इसलिए हुंकार भर रहे है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में जहां हम नहीं भी गए वहां भी हमारे कार्यकर्ताओं ने गठबंधन धर्म का निर्वाह करते हुए एक सौ फीसदी वोटिंग की है. इसलिए हमने कम से कम 25 सीटों का लक्ष्य रखा है."
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