दिल्ली (Delhi) में स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) एक बार फिर सुर्खियों में है. गुरुवार देर रात JNU कैंपस में लेफ्ट छात्र संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई. इस झड़प में कई स्टूडेंट्स घायल भी हुए हैं. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया गया है कि जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान लेफ्ट और ABVP के छात्रों के बीच विवाद हो गया और इसी को लेकर मारपीट हो गई.
जानकारी के मुताबिक, 29 फरवरी को JNU के स्कूल ऑफ लैंग्वेजस में जनरल बॉडी मीटिंग चल रही थी. इसी समय स्कूल ऑफ लैंग्वेजस में चुनाव समिति के सदस्यों के चयन को लेकर विवाद खड़ा हो गया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और लेफ्ट के सदस्यों के बीच झड़प शुरू हो गई. कुछ समय बाद देखते ही देखते झड़प ने हिंसक रूप ले लिया. सामने आए वीडियो में छात्र एक दूसरे पर लात, घूंसे और डंडे बरसाते नजर आए. जिसमें कई छात्र घायल हुए हैं.
रातभर चला हंगामा
बताया जा रहा है कि पूरी रात JNU में दोनों तरफ के छात्रों के बीच हिंसा की स्थिति बनी रही. दोनों ही छात्र दल एक दूसरे पर हिंसा करने का आरोप लगा रहे हैं. लेफ्ट विंग के छात्र इस पूरे मामले को एबीवीपी की गुंडागर्दी बता रहे हैं. वहीं, राइट विंग के छात्रों ने इसे कैंपस में नक्सली हमला करार दिया है.
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घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
कल रात हुई इस घटना का वीडियो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे छात्र एक-दूसरे पर डंडों से वार कर रहे हैं. देखते ही देखते मामला बदतर होता चला गया. एक शख्स छात्रों पर साइकिल फेंकता नजर आ रहा है. वहीं, यूनिवर्सिटी के सुरक्षाकर्मियों को बचाने कोशिश करते हुए भी देखा गया है.
क्यों हुआ हंगामा?
ABVP JNU के अध्यक्ष उमेश चंद्र अजमीरा का कहना है, "लेफ्ट छात्र चुनाव प्रक्रिया में धांधली करने की कोशिश कर रहे थे. स्कूल ऑफ लैंग्वेजेस के छात्रों ने इस बात पर आपत्ति जताई. यह पूरी प्रक्रिया 3-4 घंटे से अधिक समय तक रुकी रही. जब आधे घंटे बाद प्रक्रिया दोबारा शुरू हुई तो आइशी घोष ने चार कम्युनिस्ट नामों की घोषणा की और कहा कि वे चुने गए हैं. दानिश (AISF member) ने कहा कि चार में से दो पुराने सदस्यों को ही दोबारा चुना गया है. इस बात पर छात्र आपत्ति जता रहे थे और नामों का खुलासा करने की मांग कर रहे थे. छात्र उन नामों को वापस लेने और स्वतंत्र व निष्पक्ष तरीके से चयन की मांग की जा रही थी. तभी लेफ्ट के छात्रों ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी और 'डफली' को हथियार बनाकर छात्रों पर हमला कर दिया. वहां 200 से ज्यादा लेफ्ट के छात्र मौजूद थे जिन्होंने 4-5 कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया. यह कोई नई बात नहीं है.''
आइशी घोष का कहना है, "सबसे पहले, यह कोई झड़प नहीं थी. यह एकतरफा हमला है. हर स्कूल पिछले दो सप्ताह से जनरल बॉडी मीटिंग (जीबीएम) आयोजित कर रहा है, कल आखिरी जीबीएम थी. स्कूल ऑफ लैंग्वेजेस का चुनाव कल होना था. चार नामों का चुनाव हुआ लेकिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने पूरी प्रक्रिया को हाईजैक कर लिया था. जब यह प्रक्रिया खत्म हुई तो हमें पता चला कि उन्होंने हमें घेर लिया है. वह लोग दानिश और मुझे जाने नहीं दे रहे थे. हमने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी और लाठियों से हमला करना शुरू कर दिया. उन्होंने मेरे सिर पर भी मारा."
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