डीएनए हिंदीः जोशीमठ में खतरा अभी कम नहीं हुआ है. पूरे इलाके में लैंडस्लाइड कितना तेजी से हो रहा है इसका खुलासा एक सर्वे में हुआ है. सर्वे में सामने आया है कि ऋषिकेश और जोशीमठ के बीच 247 किलोमीटर लंबी सड़क पर 309 जगहों पर लैंडस्टाइल मौजूद हैं. इनमें से कुछ छोटे तो कुछ बेहद खतरनाक हैं. भारतीय और विदेशी वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक प्रति किमी औसतन 1.25 भूस्खलन मौजूद हैं. यह सर्वे 10 जनवरी को यूरोपीय भूविज्ञान संघ में चर्चा के लिए पेश किया गया था.
सर्वे में क्या आया सामने
इस सर्वे में सामने आया है कि बारिश, सड़क निर्माण और चौड़ीकरण जैसी प्राकृतिक घटनाओं के अलावा नए भूस्खलन हो सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह "अक्सर उथले और छोटे होते हैं लेकिन फिर भी घातक होते हैं. पिछले साल अक्टूबर में इस इलाके की भूस्खलन मैपिंग की गई थी. इसमें सामने आया कि भूस्खलन का 21.4% पहले मौजूद था वहीं 17.8% भूस्खलन अत्यधिक वर्षा द्वारा पुन: सक्रिय होने की संभावना थी.
लैंडस्लाइड से गई 160 लोगों की जान
सर्वे में कहा गया कि हमने भूस्खलन का एक व्यवस्थित सर्वेक्षण किया और एक सांख्यिकीय मॉडल तैयार किया, जिसका उद्देश्य उच्च स्थानिक रिज़ॉल्यूशन पर NH-7 के साथ भूस्खलन की संवेदनशीलता को मापना है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि हिमालय में सड़क निर्माण तेजी से बढ़ रहा है. पिछले पांच वर्षों में, हिमालयी राज्यों में 11,000 किमी सड़कों का निर्माण किया गया. इन सड़कों के रखरखाव को चुनौतीपूर्ण बना दिया है. रिपोर्ट में कहा गया कि भूस्खलन के कारण पिछले चार साल में उत्तराखंड में 160 लोगों की जान चली गई.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.