Joshimath Landslide: जोशीमठ में शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, सुरक्षित निकाले गए 60 परिवार

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 08, 2023, 07:25 PM IST

Joshimath Sinking

Joshimath Latest Update: जोशीमठ में लगातार फटती जमीन के बीच अब लोगों को वहां से निकालने का काम शुरू कर दिया गया है.

डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन दरकने, घरों की दीवारें टूटने और भूस्खलन (Joshimath Landslide) की घटनाएं जारी हैं. जोशीमठ में जिन घरों की दीवारों या फर्श में दरारे आई हैं वहां निशान लगाए जा रहे हैं. अब जोशीमठ के लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है. जोशीमठ के लोगों के लिए कई राहत केंद्र बनाए गए हैं. गढ़वाल के कमिश्नर सुशील कुमार ने बताया कि अभी तक लगभग 60 परिवारों को जोशीमठ से निकाला जा चुका है. अभी 90 और परिवारों को निकाला जाना है. इस मामले पर उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्रीफिंग दी है.

जोशीमठ को भूस्खलन और धंसाव वाला क्षेत्र घोषित किया गया है. दरकते शहर के क्षतिग्रस्त घरों में रह रहे 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचाया गया है. गढ़वाल के कमिश्नर सुशील कुमार ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने हिमालयी शहर में चार-पांच स्थानों पर राहत केंद्र स्थापित किए हैं. अभी कम से कम 90 और परिवारों को निकाला जाना है. इस बीच, चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में घर-घर गए और दरार वाले मकानों में रह रहे लोगों से राहत केंद्रों में जाने की अपील की.

यह भी पढ़ें- जोशीमठ में टूटा शंकराचार्य मठ का शिवलिंग, क्या आने वाली है बड़ी तबाही? 

600 से ज्यादा इमारतों में आई दरार
कमिश्नर सुशील कुमार ने बताया कि नुकसान के स्तर को देखते हुए कम से कम 90 और परिवारों को जल्द से जल्द निकालना होगा. गुरुवार से ही जोशीमठ में डेरा डाले हुए सुशील कुमार जमीनी स्तर पर स्थिति की निगरानी करने वाली एक समिति के प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि जोशीमठ में कुल 4,500 इमारतें हैं और इनमें से 610 में बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे वे रहने लायक नहीं रह गई हैं. उन्होंने कहा कि एक सर्वेक्षण चल रहा है और प्रभावित इमारतों की संख्या बढ़ सकती है.

यह भी पढ़ें- घरों में दरारें, जमीन के नीचे से आ रहीं आवाजें, दहशत में लोग, कहीं तबाह न हो जाए जोशीमठ 

सुशील कुमार ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र और उन घरों जिनमें पहले दरारें पड़ गई थीं और जिनमें हाल में दरारें पड़ी हैं, की वजह से एक बड़ी चापाकार आकृति बन गई है जो 1.5 किलोमीटर के दायरे में फैली हो सकती है. उन्होंने कहा कि जोशीमठ में चार-पांच सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी राहत केंद्र बनाए गए हैं. कुमार ने कहा कि कुछ और इमारतों, जिनमें कुछ होटल, एक गुरुद्वारा और दो इंटर कॉलेज शामिल हैं, को अस्थायी आश्रयों के रूप में इस्तेमाल करने के लिए अधिगृहीत किया गया है. इनमें लगभग 1,500 लोग रह सकते हैं. 

लोगों को बचाने की कोशिश जारी
उन्होंने बताया कि जोशीमठ में काफी समय से जमीन धंसने की घटनाएं धीरे-धीरे हो रही हैं लेकिन पिछले एक हफ्ते में इसकी गति बढ़ गई है और घरों, खेतों तथा सड़कों में बड़ी दरारें दिखाई दे रही हैं. उन्होंने कहा, "पिछले हफ्ते नगर के नीचे पानी का एक स्रोत फूटने के बाद स्थिति और खराब हो गई." लोगों से कहा गया है कि वे असुरक्षित घरों से बाहर निकलें क्योंकि उनके रहने की व्यवस्था होटल, होमस्टे और अन्य सुरक्षित स्थानों पर की गई है.

यह भी पढ़ें- जोशीमठ में धंसी भारत-चीन सीमा पर जाने वाली सड़क, सेना के लिए बढ़ी मुश्किलें 

हिमांशु खुराना ने कहा कि राज्य सरकार उन लोगों को छह महीने तक 4,000 रुपये प्रति माह का भुगतान करेगी जो किराए के आवास में जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि लोग क्षतिग्रस्त घरों में रहकर अपनी जान जोखिम में न डालें. शनिवार को जोशीमठ में प्रभावित इलाकों का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लौटने के बाद यहां अधिकारियों के साथ बैठक की और राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए नियमों में ढील देने को कहा. मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने कहा कि जोशीमठ में स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर सीएम धामी से बात की है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Joshimath Joshimath Sinking Joshimath Landslide uttarakhand