Joshimath Siking: जोशीमठ में खतरनाक बिल्डिंग गिराने के आदेश, डेंजर जोन में सभी के लिए नो एंट्री

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 09, 2023, 09:34 PM IST

CM Pushkar Singh Dhami ने आज हाई लेवल मीटिंग बुलाई थी जिसमें कुछ अहम फैसले लिए गए हैं.

डीएनए हिंदी: देवभूमि उत्तराखंड के जोशीमठ शहर (Joshimath Crisis) में भूधंसाव की घटनाओं के चलते इसे आपदा प्रभावित शहर घोषित कर दिया गया है. इस बीच केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य सरकार शहर में सभी तरह के राहत बचाव के कार्यों में जुट गई है जिसकी मॉनिटरिंग सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) कर रहे हैं. इस बीच जिला प्रशासन ने लोगों को बचाने के लिए जोशीमठ को तीन जोन ‘डेंजर-बफर-पूरी तरह सुरक्षित’ में बांट दिया है.

आज सीएम पुष्कर धामी ने एक हाई लेवल मीटिंग भी की है. इस बीच पुष्कर धामी की सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि प्रशासन सर्वे करवा कर डेंजर और बफर जोन की स्थिति का आंकलन कर रहा है.

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तीन जोन में बांटा गया है शहर 

जानकारी के मुताबिक जो जोन पूरी तरह खतरे में होगा उसे तुरंत खाली कराया जाएगा. इस इलाके को डेंजर जोन कहा जा रहा है. इसके अलावा बफर जोन में वो इलाके शामिल किए जाएंगे, जो फिलहाल सुरक्षित हैं लेकिन जिन पर कभी भी खतरा आ सकता है. जो इलाके पूरी तरह सुरक्षित हैं उन्हें सेफ जोन में रखा गया है. सुंदरम ने कहा कि हम इस बात की जानकारी ले रहे हैं कि कितने परिवार प्रभावित हैं और कितने व्यावसायिक संस्थानों को नुकसान होगा. इसके अलावा हम परिवारों के व्यवसाय का डाटा भी इकट्ठा कर रहे हैं. उसके आधार पर तय होगा कि लोगों को कहां विस्थापित किया जाए. उन्होंने कहा कि जो बिल्डिंग जबरदस्त खतरे में होगी उसे तुरंत गिरा दिया जाएगा.

कितनी में इमारतों पर है सबसे ज्यादा खतरा

जोशीमठ की खस्ताहाल स्थिति को लेकर चमोली डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी का कहना है कि जोशीमठ की 603 बिल्डिंग में मोटी-मोटी दरारें पड़ गई हैं. इसकी वजह से कई इलाकों को भू-धंसाव जोन में लाया गया है. यहां जोशीमठ और आसपास के इलाकों में कंस्ट्रक्शन का काम पूरी तरह बंद कर दिया गया है.  इससे प्रभावित परिवार सुरक्षित जगहों की ओर जा रहे हैं. 

डीएन ने बताया है किहमने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कुछ वार्ड की पहचान कर उस पर निशान लगाया है और उनको रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया है. इन वार्ड में प्रवेश भी निषेध रहेगा. 

कल आएगी केंद्र की टीम

जोशीमठ के डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि जलशक्ति मंत्रालय ने एक टीम गठित की थी जो आज आई थी और कल भारत सरकार के गृह मंत्रालय से भी एक टीम आएगी. हम केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के परामर्श और निगरानी में काम कर रहे हैं. जिलाधिकारी ने बताया है कि कल उनकी एक टीम आ रही है तो आसपास में जो भी इमारतें लोगों के लिए खतरनाक हो सकती हैं, लोगों की सुरक्षा के लिए उसके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी. 

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बता दें कि जोशीमठ में बढ़ती दरारों ने वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है. मलबे और बोल्डर के ढेर के कारण जोशीमठ भू-गर्भीय दृष्टि से संवेदनशील है. ये इलाका जोन फाइव में पड़ता है, जो भूकंप के लिए बेहद संवेदनशील है और यही वैज्ञानिकों की असली चिंता का कारण भी है. ऐसे में यदि कम तीव्रता का भी भूकंप आता है तो यहां एक बड़ी मानवीय तबाही आ सकती है जिसके चलते सरकार हाई अलर्ट मोड पर काम कर रही है. 

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