Joshimath Sinking: जोशीमठ में होटल तोड़ने की कार्रवाई शुरू, 5 पॉइंट्स में जानिए आज अब तक क्या-क्या हुआ है

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 12, 2023, 06:27 PM IST

Joshimath land subsidence: होटल को तोड़ने के लिए जेसीबी लगाई गई है.

Joshimath Crisis: लोग अब खुद ही जोशीमठ छोड़कर जा रहे हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने भी दिल्ली में हाई प्रोफाइल मीटिंग ली है.

डीएनए हिंदी: Joshimath Landsilide- जोशीमठ के भूधंसाव को रोकने की कोशिशें अब तेज हो गई हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के शहर में ही कैंप करने से प्रशासन पहले से ज्यादा एक्टिव हो गया है. इसके अलावा जनता भी धंसाव रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की अहमियत समझ रही है. उधर, दिल्ली में भी इस मसले पर गहमागहमी तेज है और बृहस्पतिवार को भी मीटिंगों का दौर चलता रहा. सबसे पहले जिन दो होटलों मलारी-इन और माउंट-व्यू को अन्य मकानों के धंसाव के लिए जिम्मेदार के तौर पर चिह्नित किया गया है, उन्हें तोड़ने का काम बृहस्पतिवार को शुरू कर दिया गया है. 

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5 पॉइंट्स में जानते हैं कि आज जोशीमठ को बचाने के लिए क्या-क्या हुआ...

1. टेढ़े हो चुके हैं दोनों होटल, पुलिस ने बंद कर दिया है हाईवे

होटल मलारी इन और माउंट व्यू की बिल्डिंग लगातार धंसाव के कारण टेढ़ी हो चुकी हैं. CBRI के एक्सपर्ट्स ने सोमवार को इन दोनों होटलों की जांच के बाद रिपोर्ट में इनके धंसाव के कारण ही आसपास की बिल्डिंग धंसने और उनमें दरारें आने का कारण बताया था. इन्हें तोड़ने के लिए जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ आपदा अधिनियम 2005 की धारा 34टी के तहत इन दोनों होटलों को तोड़ने का आदेश दिया था. बृहस्पतिवार को इन्हें तोड़ना शुरू कर दिया गया. इसके लिए पुलिस ने बैरिकेड लगाकर हाईवे पर आवाजाही बंद कर दी है. होटल तोड़ने के लिए जेसीबी लगाई गई है. 

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2. लोग खुद ही खाली करने लगे हैं घर

जोशीमठ में खतरनाक घोषित किए गए इलाकों को अब लोगों ने खुद ही खाली करना शुरू कर दिया है. लोग अपना सामान निकालकर खुले स्थानों पर ले जा रहे हैं. घर खाली कर रहे लोगों ने प्रशासन पर अपना सामान रखने के लिए जगह नहीं देने का आरोप लगाया. ANI के मुताबिक, उन्होंने कहा कि हम अपने घर से सामान निकाल रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने सामान रखने के लिए हमें कोई जगह नहीं बताई है. हमने खुद किराये पर कमरे लिए हैं, जिनमें सामान रख रहे हैं ताकि वह सुरक्षित रह सके. 

3. प्रशासन ने किया 169 परिवार शिफ्ट करने का दावा

अब तक 723 बिल्डिंग में दरार आ चुकी है, जिनमें 86 भवन पूरी तरह असुरक्षित घोषित हो चुके हैं. उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा (Uttarakhand Disaster Management Secretary Ranjit Kumar Sinha) ने मीडिया को बताया कि अब तक 169 परिवारों के 589 लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा चुका है. इनमें से 73 परिवारों को 5,000-5,000 रुपये की सहायता राशि सामान्य खर्च के लिए दी जा चुकी है. इनके अलावा 10 परिवारों को SDRF नियमों के तहत 1.30-1.30 लाख रुपये दिए गए हैं.

4. सेना का हेलिकॉप्टर को स्टैंड बाय पर तैनात किया

आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि जोशीमठ में फिलहाल हालात सामान्य हैं, लेकिन स्थिति बिगड़ने के लिए तैयारी की जा रही है. इसके लिए सेना के हेलिकॉप्टर को स्टैंड बाय पर रखा गया है. इसके अलावा आपदा प्रबंधन विभाग का हेलिकॉप्टर भी स्टैंड बाय पर है ताकि तत्काल राहत अभियान शुरू हो सके. सेना की यूनिट को भी अलर्ट किया गया है. साथ ही SDRF की 8 टीमें भी जोशीमठ में तैनात कर दी गई हैं. NDRF की भी 2 टीम तैनात हो चुकी हैं, जबकि एक और टीम जोशीमठ पहुंच रही है. बिजली के तारों और खंभों की सुरक्षा के लिए भी 2.14 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं.

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5. गृहमंत्री अमित शाह ने की हाईलेवल मीटिंग

दिल्ली में भी जोशीमठ को लेकर गहमागहमी है. गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बृहस्पतिवार को एक हाईलेवल मीटिंग ली, जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आरके सिंह, भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत के अलावा गृह सचिव अजय भल्ला और सड़क, बिजली सप्लाई, जल व पर्यावरण से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे. गृहमंत्री के निवास पर करीब 40 मिनट चली मीटिंग के दौरान जोशीमठ में भूधंसाव (Joshimath land subsidence) के कारण होने वाली समस्याओं पर बात की गई.

बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority), उत्तराखंड के सीनियर अधिकारी, IIT Roorkee, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (National Institute of Disaster Management), जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Geological Survey of India), वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (Wadia Institute of Himalayan Geology) के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल रहे. गृह मंत्री ने साफ तौर पर जोशीमठ एरिया में सभी कंस्ट्रक्शन पर रोक लगाने को कहा. साथ ही उन्होंने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर उनके खाने, रहने व सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन की तरफ से किए इंतजाम की समीक्षा की.

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