डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) में लोगों के डर के बीच एक अच्छी खबर आई है. मुख्यमंत्री के सेक्रेटरी ने बताया है कि पानी का लीकेज कम हो गया है. आखिरी बार 7 जनवरी को दरारें आई थीं. उसके बाद से न तो कोई नई दरार आई है और न ही पुरानी दरारें बढ़ीं हैं. होटल मलारी इन (Hotel Malari Inn) और होटल माउंट व्यू को गिराया जाना है. मंगलवार को विरोध प्रदर्शन के चलते इन होटलों को नहीं गिराया जा सका. अब होटल के मालिक ठाकुर राणा सिंह अपने पूरे परिवार के साथ धरने पर बैठ गए हैं. वह मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
चमोली के जिलाधिकारी ने बताया है कि अभी तक कुल 723 ऐसी इमारतों को चिह्नित किया गया है जिनमें दरारें आई हैं. प्रशासन स्थानीय लोगों के संपर्क में है. उनसे कहा गया है कि जैसे ही कहीं दरार दिखे प्रशासन को सूचित करें. राहत-बचाव कार्य के तहत अभी तक 131 परिवारों को रिलीफ कैंपों में शिफ्ट किया जा चुका है. डीएम ने बताया है, "कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर की कुछ इमारतों में भी दरारें देखी गई हैं. आईआईटी रुड़की की एक टीम वहां जांच पड़ताल कर रही है."
यह भी पढ़ें- कैसे बसा था जोशीमठ, क्या है वीरान होने की वजह, क्या बच पाएगा शहर, समझिए
जोशीमठ में कम हो रहा है खतरा
मुख्यमंत्री के सचिव आर एम सुंदरम ने जिला प्रशासन के अधिकारियों और प्रभावित लोगों के साथ मीटिंग की. उन्होंने बताया, "अच्छी बात है कि जेपी कंपनी के पास हो रहा पानी का लीकेज कम हो रहा है. मंगलवार शाम को यह लीकेज घटकर 250 LPM तक पहुंच गया था. 7 जनवरी के बाद से कहीं कोई नई दरार नहीं आई है और पुरानी दरारें भी नहीं बढ़ी हैं. दो इमारतें असुरक्षित हैं और उन्हें गिराए जाने की जरूकत है. हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे हमारा साथ दें."
यह भी पढ़ें - क्या पूरा जोशीमठ ढह रहा है? समझें कहां है खतरा और कौन है सेफ
आपको बता दें कि जिन दो इमारतों को गिराया जाना है वे होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू हैं. मंगलवार को एसडीआरएफ की टीम तैनात थी, बुलडोजर भी आ गए थे लेकिन विरोध के चलते इन इमारतों को नहीं गिराया जा सका. अब होटल मलारी के मालिक राणा सिंह अपने परिवार के साथ धरने पर बैठ गए हैं. उनका कहना है, "मेरा बेटा फ्रांस में रहता है. मैं कहीं भी जा सकता हूं लेकिन मैं यहां जोशीमठ के लोगों के लिए बैठा हूं." राणा सिंह का कहना है कि अगर होटल गिराना ही था तो उन्हें नोटिस दिया जाना चाहिए था. वह वैल्युएशन और मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें- जोशीमठ हो रहा है तबाह, 4 दशक से वैज्ञानिकों को सता रहा था डर, क्या रोकी जा सकती है बर्बादी?
जोशीमठ नगर पालिका के चेयरमैन शैलेंद्र पवार ने बताया, "यहां के कुछ होटलों को गिराने का काम शुरू होने वाला था. होटल के मालिकों ने विरोध जताया इसलिए ध्वस्तीकरण रोक दिया गया. उनकी मांग है कि उन्हें होटल की कीमत के बारे में भरोसा दिलाया जाए. अधिकारी उनसे बात कर रहे हैं, जल्द ही समस्या सुलझाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी."
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.