Joshimath Sinking: जोशीमठ में भयावह हालात, सेना की इमारतों में दरारें, जवानों को किया गया शिफ्ट

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 12, 2023, 02:20 PM IST

Joshimath Crisis: जोशीमठ शहर में जगह-जगह सड़कों में दरारें पड़ गई हैं.

Joshimath News: जोशीमठ में 700 से ज्यादा घरों में दरारें आई हैं. अब 20 से 25 सैनिक इमारतों में भी दरारें आ गई हैं.

डीएनए हिंदी: जोशीमठ में भू-धंसाव (Joshimath Sinking) का कहर अब आर्मी बेस पर भी पड़ गया है. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (General Manoj Pande) ने गुरुवार को कहा है कि सेना की 20 से 25 बिल्डिंगों में दरारें पड़ गई हैं. हालात इतने बिगड़ गए हैं कि जवानों को शिफ्ट करना पड़ रहा है. सेना प्रमुख ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो जवानों को स्थाई तौर पर औली (Auli) में शिफ्ट में कर दिया जाए.

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा है कि जोशीमठ-माणा रोड पर भी दरारें आई हैं, जिसे ठीक करने में BRO जुटा है. सैन्य ऑपरेशन पर इसका असर नहीं पड़ा है. जोशीमठ रणनीतिक तौर पर बेहद अहम शहर है. यहां से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) महज 100 किलोमीटर दूरी पर है.

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सेना के लिए बेहद अहम है जोशीमठ का बेस कैंप

सेना के लिए यहां मजबूत बेस बेहद जरूरी है. यही वजह है कि जवानों को ऐसी जगह शिफ्ट किया जा रहा है, जहां से ज्यादा दूरी न हो. जोशीमठ में आर्मी और इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस, दोनों के बड़े बेस हैं. जोशीमठ में मजबूत सैन्य रखना देश की रणनीतिक मजबूरी भी है.

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जोशीमठ में भू-धंसाव के कारणों पर वैज्ञानिकों की नजर

CSIR-NGRI के विशेषज्ञों की एक टीम सबसर्फेस फ़िजिकल मैपिंग के लिए जोशीमठ पहुंच रही है.सीनियर साइंटिस्ट वैज्ञानिक आनंद के पांडेय की अध्यक्षता वाली 10 सदस्यीय टीम के 13 जनवरी को जोशीमठ पहुंचने और अगले दिन से अपना काम शुरू करने की संभावना है. सर्वे टीम 2 हफ्ते तक हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखेगी.

700 से ज्यादा घरों में दरारें

जोशीमठ में जमीन धंसने से प्रभावित घरों की संख्या 700 से ज्यादा हो गई है. 82 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित राहत शिविरों में शिफ्ट किया जा चुका है. केंद्र सरकार ने मंगलवार को घोषणा की थी कि वह जोशीमठ में भूकंप की स्थिति देखने के लिए एक सिस्टम लगाएगी. लोगों के रेस्क्यू के लिए SDRF, NDRF और सेना की तैनाती की गई है.

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