वक्फ संशोधन विधेयक-2024 पर विचार-विमर्श करने के लिए सोमवार को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक में एक बार फिर हंगामा देखने को मिला. केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधिकारियों ने बैठक में प्रेजेंटेशन दिया. इस दौरान विपक्षी दलों ने सरकार पर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने और राजनीतिक कारणों से जल्दबाजी में विधेयक लाने का आरोप लगाते हुए विरोध किया.
जेपीसी की बैठक के दौरान सरकार और विपक्षी सांसदों के बीच जोरदार बहस भी देखने को मिली. एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन बिल को इस्लामिक आस्था के खिलाफ बताया. वहीं तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने भी इस्लाम धर्म की मान्यता से जुड़े कई सवालों को उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा.
मीटिंग के दौरान कई बार सत्ता पक्ष के सांसदों की तरफ से भी सवाल उठाए गए, जिस पर दोनों तरफ के सांसदों के बीच तीखी तकरार हुई. केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के प्रेजेंटेशन के दौरान भी विपक्षी दलों के सांसदों ने जोरदार हंगामा किया.
विपक्ष ने दिया स्मृति ईरानी का उदाहरण
विपक्षी सांसदों ने सरकार की मंशा पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि एक साल पहले इस विधेयक को लेकर एनडीए सरकार का रुख कुछ और ही था. यहां तक कि तत्कालीन केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री स्मृति ईरानी ने भी उस समय यही कहा था कि वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवाद को गति शक्ति प्लान के जरिए सुलझाया जा सकता है.
विपक्ष ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय के प्रेजेंटेशन में भी इसका जिक्र है. फिर कुछ ही महीनों में ऐसा क्या बदल गया कि सरकार को जल्दबाजी में यह विधेयक लाना पड़ा.
उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने और राजनीतिक कारणों की वजह से सरकार जल्दबाजी में यह विधेयक लेकर आई और इसे पारित भी करवाना चाहती है.
बता दें कि JPC की बैठक मंगलवार को भी जारी रहेगी. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को जेपीसी की बैठक में बिल को लेकर अपने सुझाव देगा. जेपीसी ने ओडिशा के दो संगठनों जस्टिस इन रियल्टी कटक और पंचसखा बानी प्रचार मंडली कटक को भी बैठक के लिए बुलाया है. (PTI इनपुट के साथ)
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