डीएनए हिंदी: देश में लगातार कोर्ट केसों की संख्या बढ़ती जा रही है. कोर्ट में लंबित मामलों के चलते लोगों को अदालतों के चक्कर काटने करने लगते हैं. कोर्ट के लिए तारीख पे तारीख वाला डायलॉग भी इसीलिए चर्चा में रहता है. बॉलीवुड की फिल्म का यह डायलॉग अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को भी याद आ गया है. एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम नहीं चाहते कि उच्चतम न्यायालय 'तारीख पे तारीख' वाली अदालत बने.
दरअसल, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की पीठ एक सुनवाई के मामले में वकील द्वारा समय मांगने पर नाराज हो गई. वहीं इस मामले में कोर्ट ने कहा,"हम मामले को स्थगित नहीं करेंगे. अधिक से अधिक हम बोर्ड के अंत में मामले को पारित कर सकते हैं लेकिन आपको इस मामले पर बहस करनी होगी. हम नहीं चाहते कि सुप्रीम कोर्ट तारीख पे तारीख अदालत हो। हम इस धारणा को बदलना चाहते हैं."
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आपको बता दें कि एक हिंदू पुजारी की ओर से दीवानी अपील मामले में वकील ने सुनवाई के लिए समय मांगा था. जस्टिस चंद्रचूड़ ने फिल्म दामिनी के एक संवाद को याद करते हुए कहा, "यह देश सर्वोच्च न्यायालय का है और हम चाहते हैं कि इस अदालत को कुछ सम्मान मिले." पीठ ने कहा, "एक तरफ जज अगले दिन की सुनवाई के लिए आधी रात तक तैयारी करते हैं. वहीं मामले की फाइलों को ध्यान से देखते हुए वकील आते हैं और सुनवाई को स्थगित करने की मांग कर देते हैं."
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गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने मामले के स्थगन पर आपत्ति जताई है. इससे पहले भी हाल ही में जब उन्हें यह सूचित किया गया कि स्थगन के लिए एक पत्र परिचालित किया गया है तो उन्होंने इस पर चिंता जताई थी और मामलों को जल्द खत्म करने को लेकर बयान दिया था.
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