CJI Sanjiv Khanna: भारत के 51वें चीफ जस्टिस बने संजीव खन्ना, आर्टिकल 370, इलेक्टोरल बॉन्ड समेत ये हैं उनके 5 ऐतिहासिक फैसले

Written By राजा राम | Updated: Nov 11, 2024, 11:18 AM IST

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51st Chief Justice Of India: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस संजीव खन्ना को देश के 51वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ दिलाई है. जस्टिस खन्ना ने अपने कार्यकाल में आर्टिकल 370, अरविंद केजरीवाल को जमानत देने समेत कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं. वह अब जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ का स्थान लेंगे.

51st Chief Justice Of India: जस्टिस संजीव खन्ना ने आज भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें सपथ दिलाई. उन्होंने पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ का स्थान लिया और अब उनका कार्यकाल सात महीने यानी, 13 मई 2025 तक रहेगा. जनवरी 2019 दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किए गए जस्टिस खन्ना ने अपने लंबे कार्यकाल में कई अहम फैसले सुनाए हैं. 

प्रमुख फैसलों में इलेक्टोरल बॉन्ड, अनुच्छेद 370 शामिल 

  • जस्टिस खन्ना ने हाल ही में कई ऐतिहासिक मामलों में फैसले सुनाए हैं.  2024 में वे उस बेंच का हिस्सा थे जिसने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक ठहराते हुए इसे सूचना के अधिकार का उल्लंघन बताया था. बेंच ने कहा था कि इस योजना से निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी हो रही है. 
  • अनुच्छेद 370 के मामले में जस्टिस खन्ना 2023 की संविधान पीठ में शामिल थे, जिसने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले प्रावधान पर फैसला दिया. जस्टिस खन्ना ने कहा कि अनुच्छेद 370 संघवाद के अनुरूप नहीं है और इसे हटाने से देश के संघीय ढांचे पर कोई असर नहीं होगा. 
  • इसके अलावा, 2024 में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) बनाम भारत निर्वाचन आयोग के मामले में उनकी बेंच ने 100 फीसदी वीवीपीएटी वैरिफिकेशन की मांग को खारिज कर दिया था.  जस्टिस खन्ना ने फैसले में लिखा कि चुनाव आयोग के सुरक्षा उपाय स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त हैं. 

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में असहमति
सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2021 में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को अनुमति दी थी, जिसमें दिल्ली का नया संसद भवन भी शामिल है. तीन जजों की बेंच ने 2-1 के बहुमत से इस फैसले को मंजूरी दी थी. जस्टिस खन्ना ने इस मामले में असहमति जताते हुए इसके खिलाफ निर्णय दिया था. 


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अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत 
जस्टिस खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली के आबकारी नीति घोटाला मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत प्रदान की थी.

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