असम सरकार के विज्ञापन में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, अब उद्धव की शिवसेना और NCP ने उठाए सवाल

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Feb 15, 2023, 04:43 PM IST

महाराष्ट्र के पुणे जिले में है भीमशंकर मंदिर.

असम सरकार के पर्यटन विभाग ने अपने विज्ञापन में दावा किया है कि भीमाशंकर मंदिर असम में डाकिनी पहाड़ी, कामरूप में स्थित है. नए दावे पर बवाल हो रहा है.

डीएनए हिंदी: महाशिवरात्रि पर दो राज्यों के बीच सियासी जंग शुरू हो गई है. असम सरकार ने श्रद्धालुओं को लुभाने के लिए एक विज्ञापन जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि भीमाशंकर मंदिर असम में डाकिनी पहाड़ी पर स्थित है. यह कामरूप में है. अब तक पुणे जिले का भीमाशंकर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में छठा ज्योतिर्लिंग माना जाता है. नए दावे पर महाराष्ट्र में जमकर हंगामा बरपा रहा है. शिवसेना और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) जैसी पार्टियां कह रही हैं कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार अब भगवान का भी क्रेडिट ले रही है.

असम सरकार के पर्यटन विभाग के विज्ञापन पर हंगामा बरपा है. यह विज्ञापन विपक्ष की नजरों में है. पुणे के ज्योतिर्लिंग को कामरूप में बताया जा रहा है, यही बात एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना को खटक रही है. NCP नेता सुप्रिया सुले ने इस विज्ञापन पर असम सरकार को जमकर फटकारा है.

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सुप्रिया सुले ने क्या कहा?

सुप्रिया सुले ने कहा, 'क्या BJP नेताओं ने महाराष्ट्र के हिस्से में से कुछ भी नहीं रखने का फैसला किया है? पहले महाराष्ट्र के उद्योग और रोजगार के हिस्से को चुरा लिया. अब वे हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को चुराने वाले हैं.'

सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र के भीमाशंकर में मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने लिखा, 'महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमाशंकर, शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में छठे ज्योतिर्लिंग के तौर पर विख्यात है. यह बेहद सुंदर क्षेत्र में स्थित है. यह मंदिर अनगिनत भक्तों की पूजास्थली है. असम राज्य में बीजेपी का शासन है.'

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सुप्रिया सुले ने कहा, 'गुवाहाटी के पास पमोही में शिवलिंग को छठे ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. यह गलत प्रचार है. आदि शंकराचार्य अपने बृहद रत्नाकर स्तोत्र में साफ कहा है कि भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भीमा नदी और डाकिनी के जंगल के बीच है. महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमाशंकर बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है, कोई और नहीं. अब कौन सा सबूत चाहिए.'

देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे से लगाई ये गुहार

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सुप्रिया सुले ने अनुरोध किया है कि वे महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने के लिए इस पर तत्काल ध्यान दें. सुप्रिया सुले चाहती हैं कि महाराष्ट्र सरकार इस पर संज्ञान ले.

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क्यों विज्ञापन पर बरपा है हंगामा?

महाशिवरात्रि के लिए असम सरकार के पर्यटन विभाग ने 14 फरवरी कोअलग-अलग समाचार पत्रों में एक विज्ञापन प्रकाशित किया है. विज्ञापन में लिखा है, 'भारत के छठे ज्योतिर्लिंग स्थल डाकिनी पर्वत, कामरूप में आपका स्वागत है.' इसी विज्ञापन में अलग-अलग ज्योतिर्लिंग स्थलों की सूची भी दी गई है. विज्ञापन में 'डाकिनी' में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का जिक्र है. इसके अलावा विज्ञापन में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा की तस्वीर भी है.

आदित्य ठाकरे ने भी लगाए BJP पर गंभीर आरोप

शिवसेना नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे बीजेपी पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी राज्यों के बीच घृणित राजनीति फैला रही है. उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र से महत्वपूर्ण परियोजनाओं को छीना जा रहा है, उस पर कई लोगों ने चिंता व्यक्त की है. इसी तरह अब मंदिरों को भी दूसरे राज्यों में ले जाया जा रहा है.

आदित्य ठाकरे ने कहा, 'हम हर राज्य में अलग-अलग मंदिरों में जाते हैं. इन पूजा स्थलों में हम सभी का सम्मान और विश्वास है. जैसा कि हम सभी जानते हैं, 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमाशंकर, महाराष्ट्र में स्थित है. हमें इसका सम्मान करना चाहिए. हो सकता है कि कोई असम में भी ज्योतिर्लिंग हो. हम उसका सम्मान करते हैं लेकिन महाराष्ट्र को भड़काने और हमारे राज्य को पीछे धकेलने का लगातार प्रयास स्वीकार्य नहीं है.'

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