कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल (Kalindi Express Derail) करने की साजिश ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है. ट्रेन से बरामद विस्फोटक की मात्रा को देखते हुए इसके पीछे आतंकी संगठनों की साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) इसकी जांच कर रही है. साजिश के पीछे आतंकी संगठन आईएस (ISIS) से तार जुड़े होने के कई प्रमाण मिले हैं. माना जा रहा है कि रेलवे पर लोन वुल्फ अटैक की साजिश हो सकती है. भारत में रेलवे आज भी परिवहन का प्रमुख माध्यम है और इसे निशाना बनाकर बड़ा धमाका करने की कोशिश थी.
खुरासान मॉड्यूल पर गहराया शक
कानपुर के पास कालिंदी एक्सप्रेस के डिरेल किए जाने की मामले की जांच चल रही है. सूत्रों के मुताबिक, बीते दिनों जांच एजेंसियों को देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक परिवहन जैसे कि रेलवे को निशाना बनाए जाने को लेकर अलर्ट मिला था. रेलवे ट्रैक को क्षतिग्रस्त करके ट्रेन को बेपटरी करने के तरीके को देखने के बाद खुरासान मॉड्यूल पर शक गहराया है. इसी माड्यूल ने 2017 में भोपाल रेलवे स्टेशन पर पैंसेजर ट्रेन में टाइम बम रखा था. इस ब्लास्ट में कई यात्री घायल हो गए थे.
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लोन वुल्फ अटैक की आशंका से भी हो रही जांच
पिछले कुछ समय में रेलवे को निशाना बनाने के कई मामले सामने आए हैं. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां इसमें आतंकी संगठनों के शामिल होने के एंगल से भी जांच कर रही हैं. अधिकारियों के मुताबिक आईएस और आईएसआई जैसे आतंकी संगठन इसके पीछे काम करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसमें कुछ कट्टरपंथी ताकतों से पैसा लेकर काम करने वाले कुछ स्थानीय लोग भी हो सकते हैं. लोन वुल्फ अटैक मॉड्यूल के जरिए भारत को दहलाने की साजिश होने की बात भी जांच टीम ने स्वीकार की है.
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