महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश में अटकलों का दौर जारी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) और उनके बेटे नुकुल नाथ कांग्रेस छोड़ सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. लेकिन अटकलों के बीच पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का बयान आया है. उन्होंने कहा कि मेरी कमलनाथ जी से फोन पर बात हुई है वह कहीं नहीं जा रहे. जीतू पटवारी ने कहा कि कमलनाथ ने साफ किया कि वह कांग्रेस थे, हैं और आगे भी रहेंगे. उन्होंने मीडिया में खबरों को अफवाह बताया.
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी कहा कि कमलनाथ ने अपनी राजनीतिक यात्रा सबसे पुरानी पार्टी से शुरू की थी और वह इसे नहीं छोड़ेंगे. कमलनाथ के दिल्ली आवास पर कथित तौर पर ‘जय श्री राम’ लिखा झंडा फहराता देखे जाने पर सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपने-अपने तरीके से अनुमान जताना शुरू कर दिया था. पार्टी प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी दिन भर कांग्रेस विधायकों से संपर्क करने और उन्हें यह बताने में व्यस्त रहे कि कमलनाथ पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं.
इस बीच कमलनाथ के करीबी विधायक रविवार देर शाम दिल्ली पहुंचे. इन विधायकों में तीन छिंदवाड़ा से हैं, जबकि क्षेत्र के अन्य तीन विधायक दिल्ली के लिए रवाना होने वाले हैं. कमलनाथ छिंदवाड़ा से 9 बार सांसद रह चुके हैं और फिलहाल वहां से वह विधायक हैं. बीते नवंबर में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. कमलनाथ के समर्थक विधायक फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं.
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि कमलनाथ के समर्थक एवं पूर्व मंत्री लखन घनगोरिया भी दिल्ली में उनके साथ डेरा डाले हुए हैं. मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कमलनाथ के करीबी दीपक सक्सेना ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद जिस तरह उन्हें प्रदेश पार्टी अध्यक्ष पद से हटाया गया, उससे वह आहत हैं. सक्सेना ने कहा कि हम चाहते हैं कि उन्हें पूरा सम्मान मिलना चाहिए. वह जो भी निर्णय लेंगे, हम उसमें उनके साथ रहेंगे.
सिंधिया की तरह पलटी न मार दें कमलनाथ?
कमलनाथ के अन्य समर्थक और राज्य के पूर्व मंत्री विक्रम वर्मा ने अपने एक्स प्रोफाइल पर ‘जय श्री राम’ लिखा. पूर्व सांसद वर्मा ने कहा कि मैं कमलनाथ का अनुसरण करूंगा. सियासी हलकों में चर्चा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह कमलनाथ भी कांग्रेस के 23 विधायकों को अपने साथ लेकर बीजेपी में शामिल होने का प्रयास कर रहे हैं.
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मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 66 विधायक हैं. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के वकील राकेश पांडे ने कहा, ‘एक तिहाई विधायकों के पाला बदल लेने की स्थिति में दलबदल कानून लागू नहीं होगा. इसके पहले मार्च, 2020 में कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ज्योतिदिरात्य सिंधिया और उनके कई समर्थक विधायक भाजपा में चले गये थे जिससे कमलनाथ की अगुवाई वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार गिर गई थी.
'कमलनाथ इंदिरा जी का तीसरा बेटा'
दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ ने अपनी राजनीतिक यात्रा सबसे पुरानी पार्टी से शुरू की थी और वह इसे नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि वह और अन्य कांग्रेस नेता मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के संपर्क में थे. हम सभी कमलनाथ को दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा जी (संजय गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बाद) का तीसरा बेटा मानते हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ जी हमेशा कांग्रेस के साथ रहे हैं. वह एक सच्चे कांग्रेसी नेता हैं. उन्हें मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, एआईसीसी महासचिव और मप्र कांग्रेस प्रमुख सहित सभी पद मिले हैं.
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