गुजरात की पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला बेनीवाल का निधन, PM Modi से अनबन को लेकर सुर्खियों में रहीं

Written By अनामिका मिश्रा | Updated: May 15, 2024, 08:21 PM IST

पूर्व राज्यपाल और राजस्थान की पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. कमला बेनीवाल का बुधवार शाम निधन हो गया. जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली. वर्तमान में वो मिजोरम की राज्यपाल थीं.

पूर्व राज्यपाल और राजस्थान की पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ.  कमला बेनीवाल का निधन हो गया है. उन्होंने 97 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. आपको बता दें कि कमला बेनीवाल काफी समय से बीमार चल रही थीं. उनका इलाज जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में चल रहा था. बुधवार शाम इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. कमला बेनीवाल सुर्खियों में रहने वाली कांग्रेस नेता थीं.  वह गुजरात की राज्यपाल और 7 बार विधायक भी रह चुकी हैं.

कैसा रहा कमला बेनिवाल का बचपन?
कमला बेनीवाल का जन्म 12 जनवरी 1927 राजस्थान के झुंझुनूं जिले के गोरिर गांव में एक जाट परिवार में हुआ था. उन्होंने झुंझनूं में अपनी स्कूली शिक्षा पीरू की. उन्होंने अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और इतिहास में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने इतिहास में MA किया था. आपको बता दें कि उन्होंने 11 साल की उम्र में भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था. वह कांग्रेस की वरिष्ठ राजनेता थीं, साथ ही गुजरात समेत त्रिपुरा, मिजोरम की राज्यपाल रह चुकी हैं. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार में वह कई अहम पदों को संभाल चुकी थीं.


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कैसा रहा राजनीतिक सफर?
कमला बेनीवाल साल 1954 में 27 वर्ष की उम्र में विधानसभा चुनाव जीतकर राजस्‍थान सरकार में पहली महिला मंत्री बनीं. पूर्व में अशोक गहलोत की सरकार में कमला बेनीवाल गृह, शिक्षा और कृषि मंत्रालय सहित कई विभागों की मंत्री रहीं. कमला बेनीवाल 27 नवम्बर 2009 को गुजरात की राज्यपाल नियुक्त हुईं थीं और इससे पहले त्रिपुरा की राज्यपाल भी रह चुकी थीं.

नरेंद्र मोदी से हुई थी अनबन
कमला बेनीवाल 27 नवम्बर 2009 को गुजरात की राज्‍यपाल नियुक्‍त हुईं थी. इससे पहले केंद्र सरकार ने उन्‍हें त्रिपुरा का राज्‍यपाल नियुक्‍त किया था. जब वह गुजरात की राज्‍यपाल बनी उस समय गुजरात में नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्री थे. उनसे कई मामलों पर उनकी अनबन हुई थी. जिसमें लोकायुक्त की नियुक्ति का मसला काफी चर्चाओं में रहा था. इसके बाद वह कई दिनों तक सुर्खियों में बनी रहीं.

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