West Bengal में फिर उठी अलग 'कामतापुर देश' बनाने की मांग, ममता बनर्जी को दी खून-खराबे की धमकी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 07, 2022, 07:19 AM IST

KLO ने ममता बनर्जी को दी धमकी

Separate Kamtapur: पश्चिम बंगाल और असम के कुछ जिलों को मिलाकर एक अलग 'कामतापुर' बनाने की मांग एक बार फिर से सिर उठाने लगी है.

डीएनए हिंदी: प्रतिबंधित संगठन कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (KLO) ने फिर से अलग देश 'कामतापुर' की मांग उठाई है. केएलओ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को धमकी दी है कि अगर उसके आंदोलन का विरोध किया गया तो पूरे बंगाल में खून-खराबा होगा. इस धमकी के बाद अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई दी है. ममता बनर्जी इन जिलों के दौरे पर जाने वाली हैं इसी के मद्देनजर सुरक्षा के खास इंतजाम किए जा रहे हैं.

धमकी का एक वीडियो सामने आया है. वीडियो में एक नकाबपोश शख्स ने दावा किया है कि वह केएलओ का नेता जीवन सिंह है. वीडियो में उस शख्स के साथ हथियारबंद लोग भी मौजूद हैं. इसने सीएम ममता बनर्जी को उत्तरी बंगाल का दौरा न करने की चेतावनी दी है. इस शख्स ने कहा है कि आने वाले दिनों में 'कामतापुर' की मांग को लेकर आंदोलन तेज किया जाएगा इसलिए ममता बनर्जी उत्तरी बंगाल की यात्रा न करें.

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वीडियो में हिंसक घटनाओं की चेतावनी देते हुए कहा गया है, 'अगर किसी ने हमें रोकने की कोशिश की तो जमकर खूनखराबा होगा. हम अपनी जान कुर्बान करने के लिए तैयार हैं.' पुलिस ने इस वीडियो के बारे में तो कुछ नहीं कहा है कि लेकिन उत्तरी बंगाल के जिलों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.

क्या है KLO और क्या है कामतापुर की मांग?
कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइशन एक उग्रवादी संगठन है. पूर्वोत्तर भारत से ऑपरेट करने वाले इस संगठन का लक्ष्य 'कामतापुर' को भारत से मुक्त कराना है. इसके मुताबिक, पश्चिम बंगाल के छह और असम के चार जिलों को मिलाकर स्वतंत्र 'कामतापुर' बनाया जाना चाहिए.

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90 के दशक में यहां के स्थानीय लोगों ने अलग कामतापुर राज्य की मांग को लेकर आंदोलन किया था. उसी समय केएलओ बना और यह आंदोलन हिंसक हो गया. उस समय के ज्यादातर केएलओ या तो जेल में हैं या उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटना ही उचित समझा.

फिर उठने लगी है अलग कामतापुर बनाने की मांग
बीते कुछ समय से कुछ छोटे-मोटे ग्रुप सामने आए हैं जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत अलग राज्य की मांग उठाते रहते हैं. केएलओ की मांग पर बंगाल में राजनीति भी शुरू हो गई है. टीएमसी की आरोप है कि बीजेपी के नेता अपने राजनीतिक हित साधने के लिए बंगाल में अलगाववादी आंदोलन को बढ़ावा दे रहे हैं. वहीं, बीजेपी ने कहा है कि वह अलग राज्य के पक्ष में नहीं है लेकिन उत्तर बंगाल में विकास की ज़रूरत है.

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