डीएनए हिंदीः दिल्ली के सुल्तानपुरी के कंझावला (Kanjhawala Death Case) इलाके में 31 दिसंबर की रात 20 साल की अंजलि की गाड़ी सेस कुचलकर मौत के मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. सीसीटीवी फुटेज और पुलिस की पूछताछ में नए तथ्य सामने आए हैं. पुलिस का कहना है कि जब अंजलि का एक्सीडेंट हुआ तब कार में पांच नहीं बल्कि चार लोग मौजूद थे.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि इस मामले में आरोपी दुर्घटना के समय दोनों (आशुतोष और अंकुश खन्ना) कार में नहीं थे लेकिन उन्होंने पुलिस के सामने झूठे बयान देकर गिरफ्तार आरोपियों की मदद की." पुलिस का कहना है कि अब तक बताया जा रहा था कि दुर्घटना के समय कार को दीपक चला रहा था लेकिन जांच में सामने आया है कि वह उस समय घर पर मौजूद था. इस बात का खुलासा सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के माध्यम से हुआ है.
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आशुतोष और अंकुश खन्ना को इस मामले में बाद में आरोपी बनाया गया है. यह दोनों लगातार पुलिस को गुमराह कर रहे थे. दोनों लोग आरोपी व्यक्तियों को बचानों की कोशिश कर रहे थे. जांच में सामने आया है कि घटना के समय कार अमित चला रहा था. जब उसे पता चला कि शव कार से घसीटा गया है तो उसने अपने चचेरे भाइयों अंकुश और दीपक को बुलाया.
पुलिस से क्यों बोला झूठ?
स्पेशल सीपी सागर पी हुड्डा का कहना है कि अमित के साथ ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था जबकि दीपक के पास लाइसेंस था. इसलिए उसके दीपक ने पुलिस से कहा कि कार वह चला रहा था. पुलिस ने इस मामले में पहले दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल के खिलाफ आपराधिक साजिश, गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया. बाद में आशुतोष और अंकुश को भी आरोपी बनाया गया. पुलिस आशुतोष को भी गिरफ्तार कर चुकी है.
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