डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश का बहुचर्चित शहर कानपुर. एक महिला बड़ी आस और उम्मीद के साथ जिलाधिकारी IAS नेहा जैन के पास पहुंचती है. थोड़ी देर तक बातचीत होती है और डीएम उस बुजुर्ग महिला को गले लगा लेती हैं. वहां मौजूद लोग यह भावनात्मक तस्वीर उतारने लगते हैं. तस्वीर में महिला, नेहा जैन को आशीर्वाद देती नजर आ रही है. चर्चा एक चिट्ठी की भी है, जिसे लोग पढ़कर भावुक हो जा रहे हैं. एक बेटे की एहसानफरामोशी और एक अनजान IAS अधिकारी के मोह की यह कहानी कानपुर की है.
कानपुर देहात स्थित डीएम कार्यालय में एक 77 साल की महिला ने IAS नेहा जैन को चिट्ठी लिखी. उन्होंने चिट्ठी पढ़ी तो खुद को भावुक होने से रोक नहीं पाईं. उन्होंने बुजुर्ग महिला को गले लगा लिया. दरअसल महिला डीएम से मदद मागंने पहुंची थी लेकिन उसने चिट्ठी में लिखा था, 'डीएम बिटिया.'
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'डीएम बिटिया,' लिखने वाली महिला कौन है?
कुसुम सिंह नाम की एक महिला भोगनीपुर तहसील के मलासा ब्लॉक के धौकलपुर गांव में रहती हैं. उन्होंने जब अपने साथ पारिवारिक उपेक्षा की कहानी डीएम को सुनाई तो नेहा जैन अपने आंसू नहीं रोक पाईं और उठकर महिला को गले लगा लिया.
क्यों डीएम से गुहार लगाने को मजबूर हुई महिला?
महिला के पति की साल 1981 में मौत हो गई थी. वह गांव में रहती थीं. दो बेटियों और एक बेटे वाली यह महिला, आर्थिक बदहाली से जूझ रही है. बेटा, बहू के साथ शहर में रहता है. अब जमीनें भी उसी के नाम हो गई हैं. यह महिला पति की एक बची हुई जमीन अपने नाम कराना चाहती है, जिससे वह अपना भरण पोषण कर सके लेकिन लेखपाल उसकी सुन नहीं रहा है. यही शिकायत लेकर महिला डीएम के पास पहुंची.
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क्यों चिट्ठी पढ़कर रो पड़ीं डीएम?
बुजुर्ग महिला ने चिट्ठी में लिखा, 'मेरी प्रिय डीएम बिटिया को मेरा बहुत-बहुत प्यार एवं आशीर्वाद, ढेर सारी शुभकामनाएं. सविनय निवेदन है कि कुसुम सिंह पत्नी स्व. छविनाथ सिंह ग्राम धोकरपुर तहसील भोगनीपुर कानपुर देहात की निवासिनी हूं. मेरे पति की कैंसर की से मौत हो गई थी. मेरी 6-7 बीघा जमीन थी, जो लड़के के नाम हो गई है. प्रिय बिटिया इस समय मेरी उम्र 77 साल की है. लड़का बहू खाना देना नहीं चाहते हैं. इसी बीच मुझे पता चला कि मेरे पति की कुछ जमीन गिर गिर्दो गांव में है. मैं पिछले साल भोगनीपुर तहसील गई, वहां पता लगाया कि गिर्दो का लेखपाल कौन है. पता लगा कि हरीराम हैं. मैंने उनसे कहा कि मेरे पति की जमीन मेरे नाम कर दो. 1 साल से चक्कर लगा रही हूं. मेरी अच्छी सी बिटिया आप से मेरा अनुरोध है कि आप मेरी मदद करें, ताकि मेरा काम हो जाए तो मोदी की योजना का लाभ मिल जाए. मुझे कुछ सहायता मिल जाए. मैं आपके बारे में सुन चुकी हूं कि आप बुजुर्ग व बेघरों की बहुत मदद करती हैं. मदद के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. शुभकामनाओं सहित आपकी दादी अम्मा कुसुम सिंह.'
चिट्ठी पढ़कर रो पड़ीं डीएम
डीएम जिले का सबसे बड़ा अधिकारी होता है. आमतौर पर उसकी छवि ऐसी नहीं होती कि जनता से मिलकर भावुक हो जाए. नेहा जैन महिला के गले लग पड़ीं और आंसू भी छलक उठे. उन्होंने महिला को सरकारी गाड़ी से गांव भेजा और मदद का आश्वासन दिया है.
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