कानपुर के एकता मर्डर केस (Kanpur Ekta Murder Case) की कहानी दृश्यम फिल्म से मिलती-जुलती है. यहां कारोबारी की पत्नी एकता की हत्या कर शव को डीएम आवास के कंपाउंड में छुपा दिया गया था. 4 महीने बाद आखिरकार पुलिस को लाश मिली तो हत्या की खौफनाक साजिश की एक-एक परत खुलकर सामने आ गई. हालांकि, एकता के पति राजेश गुप्ता ने पुलिस की जांच को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पत्नी की मौत के बाद चरित्र हनन किया जा रहा है. परिवार ने सीबीआई से मामले की जांच कराने का अनुरोध किया है.
24 जून को हुआ कत्ल, 4 महीने बाद मिली लाश
कानपुर के कारोबारी राजेश गुप्ता की पत्नी 24 जून को लापता हो गई थी. राजेश ने पुलिस के आला अफसरों से लेकर पीएम और सीएम तक गुहार लगाी थी. राजेश ने पत्नी के लापता होने में जिम ट्रेनर विमल सोनी को नामजद किया था. 4 महीने बाद पुलिस ने एक कॉल के जरिए पता लगाया कि विमल अपने रिश्तेदार के घर कानपुर में ही है. पकड़े जाने के बाद आरोपी ने एकता की हत्या कर शव को डीएम कंपाउंड में छुपाने की बात कबूल की. पुलिस ने जब खुदाई की, तो एक महिला की कंकाल मिली. कंकाल लापता एकता का ही है और विमल ने हत्या की पूरी कहानी बताई है.
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विमल सोनी का कहना है कि उसका और एकता का अफेयर चल रहा था. उसकी शादी तय हो जाने से एकता नाराज थी और इस वजह से दोनों में झगड़े होने लगे थे. इसी झगड़े में उसने एकता की हत्या कर दी और फिर शव को डीएम कंपाउंड में देर रात को छुपा दिया. वह डीएम कंपाउंड के पास के एक जिम में काम करता था.
परिवार को नहीं है पुलिस की थ्योरी पर यकीन
इधर एकता के पति का कहना है कि पुलिस की थ्योरी पर हमें यकीन नहीं है. यह हत्या सोच-समझकर की गई है और अब मेरी पत्नी को पुलिस बदनाम करने का काम कर रही है. शहर के वीआईपी एरिया में कोई अकेले कैसे 5-6 फीट गड्ढ़ा खोद सकता है और उसमें किसी की लाश अकेले ही छुपा दे. हम राज्य सरकार से सीबीआई जांच की मांग करते हैं.
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