डीएनए हिंदी: सावन महीने की शुरुआत के साथ ही देशभर में कांवड़ यात्राएं शुरू हो जाएंगे. 4 जुलाई से 31 अगस्त के बीच श्रद्धालु लंबी-लंबी पदयात्राएं करके भगवान शंकर पर जल चढ़ाने जाएंगे. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि इस बार कांवड़ यात्रा प्लास्टिक मुक्त होगी. यानी यात्रा के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकोल का इस्तेमाल प्रतिबंधित रहेगा. इसके साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अभी से स्पष्ट कर दिया गया है कि डीजे पर अश्लील गाने बजाने, सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करने और भाला और त्रिशूल जैसी चीजें ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
प्रमुख सचिव शहरी विकास अमृत अभिजात ने कहा है कि कांवड़ यात्रा को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त रखा जाएगा. सिंगल यूज प्लास्टिक के साथ-साथ थर्माकोल के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा. स्वच्छता अभियान चलाया जाए और रास्ते में पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी. भक्तों को 12 फीट से ज्यादा ऊंचाई के भाले और त्रिशूल ले जाने की अनुमति नहीं होगी. डीजे कंसोल पर अश्लील गाने बजाने की भी अनुमति नहीं होगी. साथ ही कांवड़ मार्गों पर वाहनों की आवाजाही नहीं होगी.
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सोशल मीडिया पर रखी जाएगी नजर
असामाजिक तत्वों को सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाली अफवाहें रोकने के लिए पुलिस वॉट्सऐप ग्रुप और सोशल मीडिया पर नजर रखेगी. यात्रा की आवाजाही पर सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से नजर रखी जाएगी. आयोजन की तैयारियों की समीक्षा करने वाले प्रधान सचिव गृह संजय प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कांवड़ यात्रा की सतत निगरानी के निर्देश दिए हैं, ताकि यात्रा सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके. यात्रा जिन जिलों से होकर गुजरेगी, उन सभी जिलों के अधिकारी समन्वय बनाकर काम करें. पुलिसकर्मियों को श्रद्धालुओं के साथ शालीनता से पेश आना चाहिए.
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अधिकारी ने कहा कि उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के अधिकारियों को कांवड़ शिविरों और सामुदायिक भोज (भंडारों) की अनुमति देने से पहले कांवड़ संघों से बातचीत करने के लिए कहा गया है. प्रसाद ने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी कांवड़ियों को सुरक्षा और जरूरी सुविधाएं मुहैया कराएं. उन्होंने कहा कि एंटी-वेनम और एंटी-रेबीज वैक्सीन को चिकित्सा शिविरों में स्टोर किया जाना चाहिए. रास्तों में शौचालय और स्नानागार की व्यवस्था होनी चाहिए. अप्रिय घटना को रोकने के लिए घाटों पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए.
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