सावन के महीने में बड़ी संख्या में कांवड़िया (Kanwar Yatra 2024) गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंच रहे हैं. लेकिन बरसात की वजह से गंगा नदी का बहाव तेज होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के दौरान कई कांवड़ियां तेज बहाव में फंस रहे हैं. ऐसे में लोगों को बचाने के लिए पुलिस और SDRF की टीमें दिन रात काम कर रही हैं. इनमें से एक जाबांज आशिक अली है, जो अब तक 40 कांवड़ियों की जान बचा चुके हैं.
एसडीआरएफ में तैनात हेड कांस्टेबल आशिक अली की खूब चर्चा हो रही है. वह हर की पौड़ी पर तैनात हैं, जो सबसे अधिक भीड़भाड़ वाला घाट माना जाता है. 23 जुलाई को फरीदाबाद का रहने वाला 21 साल का युवक मोनू अचानक गंगा की तेज लहरों में डूबने लगा. तभी SDRF टीम की नजर पड़ी. आशिक अली ने बिना देरी किए गंगा की उफनती लहरों में छलांग लगा दी और शिवभक्त मोनू को बाहर निकालकर ले आए.
अली ने उसी दिन उधम सिंह नगर जिले के रहने वाले गोविंद सिंह, गोरखपुर के संदीप सिंह और हरियाणा के पानीपत के अंकित को बचाया. बताया जा रहा है कि यह मुस्लिम एसडीआरएफ जवान गंगा की तेज लहरों के बीच से अब तक 40 कांवड़ियों की जान बचा चुका है.
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उत्तराखंड का रहने वाला है ये जाबांज जवान
आशिक अली उत्तराखंड़ के देहरादून स्थित सहसपुर के रहने वाले हैं. साल 2012 में उन्होंने उत्तराखंड पुलिस ज्वाइन की थी और 2014 में वो एसडीआरएफ में आ गए. 2021 में वह हेड कांस्टेबल बन गए. SDRF में शामिल होने के बाद से वह लगातार लोगों के जान बचाने का काम करते रहे हैं.
आशिक अली का कहना है कि उनकी टीम हर साल करीब 40-50 कांवड़ियों की जान बचाती है. इसकी खास ट्रेनिंग दी गई है. हर गंगा घाट पर SDRF के करीब 6 जवान तैनात रहते हैं, जो 500 मीटर एरिया को कवर करते हैं. उन्होने बताया कि साल 2021 से उनकी हर साल यहां ड्यूटी लगती है.
अखिलेश यादव ने की तारीफ
आशिक अली की समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी जमकर तारीफ की थी. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, 'मोनू सिंह की, आशिक अली ने बचायी जान, यही है असली खबर और असली हिंदुस्तान है.'
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