Kargil War के हीरो विक्रम बत्रा की 7 जुलाई को है पुण्यतिथि, 'शेरशाह' नाम से कांपते थे पाक सैनिक

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 06, 2022, 07:08 PM IST

Kargil War में भारत के हीरो 'शेरशाह' यानी विक्रम बत्रा की 7 जुलाई को शहादत हुई थी इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के सैनिकों को मन में अपना खौफ भर दिया था.

डीएनए हिंदी: 1999 में शुरू हुआ कारगिल का युद्ध (Kargil War) पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के षडयंत्रों का नतीजा था. वहीं इस कारगिल युद्ध के दौरान ही एक भारतीय जाबांज जवान पाकिस्तानी सेना के लिए किसी खौफ का नाम बन गया था. ये नाम कोई और नहीं बल्कि कैप्टन विक्रम बत्रा (Vikram Batra) का था जिन्होंने अपने सैन्य ऑपरेशंस के दौरान चोटियों पर बैठे पाकिस्तानी सैनिकों के छक्के छुड़ाए थे. 7 जुलाई को उनकी  23वीं पुण्यतिथि है.

राष्ट्रप्रेम का एक अनोखा जुनून 

दरअसल, विक्रम बत्रा को शुरू से ही सेना में जाने और राष्ट्रवादी विचारों वाला माना जाता था. साल 1996 की जुलाई में उन्हें भारतीय सेना अकादमी देहरादून में एडमिशन मिला था. इसके बाद जब उनकी ट्रेनिंग पूरी हुई थी तो उन्हें 6 दिसंबर 1997 को जम्मू के सोपोर में सेना की 13 जम्मू-कश्मीर राइफल्स में बतौर लेफ्टिनेंट नियुक्त किया गया था जो उनकी पहली जिम्मेदारी है. 

वहीं 1 जून 1999 को उनकी टुकड़ी को कारगिल युद्ध में भेजा गया था. यहां हम्प व राकीनाब स्थानों को जीतने के बाद उसी समय विक्रम बत्रा को कैप्टन पद पर पदोन्नति मिली थी. इसके बाद श्रीनगर-लेह मार्ग के ठीक ऊपर सबसे महत्वपूर्ण 5140 चोटी को भी कैप्चर करने का जिम्मा कैप्टन विक्रम बत्रा को ही मिला था. 

परमवीर चक्र से हुए थे सम्मानित

आपको बता दें कि पहाड़ों का बेहद दुर्गम क्षेत्र होने के बावजूद विक्रम बत्रा ने अपने साथियों के साथ 20 जून 1999 को सुबह साढ़े तीन बजे ही इस चोटी को अपने कब्जे में ले लिया. कैप्टन विक्रम बत्रा ने जब इस चोटी से रेडियो के जरिए अपना विजय उद्घोष ‘यह दिल मांगे मोर’ रखा था तो सेना ही नहीं बल्कि पूरे भारत में उनका नाम छा गया. इसी दौरान विक्रम का कोड नेम शेरशाह लोगों को पता चल गया था लेकिन खास बात यह है कि इस नाम से पाकिस्तानी सैनिक सर्वाधिक खौफ खाते थे. 

वहीं इस कब्जे के अगले ही दिन चोटी 5,140 में भारतीय झंडे के साथ विक्रम बत्रा और उनकी टीम जीत के बाद मीडिया में भी छा गए थे. विक्रम बत्रा पाकिस्तानी सेना से लड़ते हुए 7 जुलाई 1999 को उनकी शहादत हुई थी.

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हिट हुई थी फिल्म 

शहादत के बाद कैप्टन विक्रम बत्रा को 15 अगस्त 1999 को परमवीर चक्र का सम्मान दिया गया था. यह सम्मान उनके पिता ने स्वीकार किया था. पिछले साल उनके जीवन पर बनी फिल्म  शेरशाह रिलीज हुई थी जिसमें मुख्य भूमिका सिद्धार्थ मल्होत्रा ने निभाई थी और यह फिल्म काफी पसंद की गई थी. 

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