डीएनए हिंदी: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ जीत दर्ज की. बीजेपी को सत्ता से बेदखल करते हुए कांग्रेस ने 136 सीटों पर कब्जा जमाया. जबकि बीजेपी को सिर्फ 65 सीटें हासिल हुईं और JDS के खाते में 19 सीटें गईं. चुनाव में दो निर्दलीय उम्मीदवार भी जीते. वहीं, कल्याण राज्य प्रगति पक्ष और सर्वोदय कर्नाटक पक्ष को 1-1 सीट हासिल हुई. लेकिन नेशनल पार्टी का दर्जा मिलने के बाद पहला चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) अपना खाता भी नहीं खोल पाई और सभी उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई.
AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कर्नाटक की उन सभी 209 विधानसभा सीटों पर आप उम्मीदवारों की हार को स्वीकार किया जहां से उन्होंने चुनाव लड़ा था. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला था और ऐसी स्थिति में किसी तीसरे पक्ष के लिए शायद ही कोई मौका था. संजय सिंह ने कहा कि निश्चित तौर पर कर्नाटक चुनाव के नतीजे हमारे पक्ष में अच्छे नहीं रहे हैं. लेकिन इससे निराश होने की जरूरत नहीं है. कर्नाटक में आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता लोगों के संपर्क में बने रहेंगे.
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AAP ने हार को स्वीकारा
उन्होंने कहा, ‘वे अपना काम करते रहेंगे और दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की नीतियों को जन-जन तक ले जायेंगे, तो निश्चित रूप से भविष्य में अच्छे नतीजे सामने आयेंगे.’ उन्होंने दावा किया कि आप में भाजपा को हराने की क्षमता है और वह इसे कई बार दिखा चुकी है. हमने पिछले साल दिल्ली एमसीडी में भाजपा के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया. हमने दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराया. हमारे पास क्षमता है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए ‘आप’ की योजना के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि इस बारे में बात करना अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि ऐसे कई कारक हैं जिन पर आम चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति निर्भर करेगी.
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कर्नाटक में कितने प्रतिशत मिले वोट
आम आदमी पार्टी ने 209 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. चुनाव आयोग के मुताबिक, AAP को 1 फीसदी से भी कम (0.58%) वोट शेयर प्राप्त हुआ, जो NOTA के वोट प्रतिशत (0.69%) से भी कम है. आप के सभी उम्मीदवारों को महज 2.25 लाख वोट मिले. इसी के साथ पार्टी के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई.
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