Karnataka Elections: 'चुनाव प्रचार में बयानबाजी का गिर रहा स्तर', EC ने स्टार प्रचारकों को दी कड़ी नसीहत

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 02, 2023, 09:22 PM IST

Election Commission Of India

Karnataka Assembly Elections 2023: चुनाव आयोग ने कहा कि तमाम स्टार प्रचारक और राजनीतिक दल मॉडल कोड आफ कंडक्ट और नियमों का पालन करें.

डीएनए हिंदी: निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को राजनीतिक दलों और उनके स्टार प्रचारकों को परामर्श जारी कर कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान संयम बरतने और चुनावी माहौल खराब नहीं करने को कहा है. चुनाव प्रचार के दौरान गिरते स्तर को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने कहा कि स्टार प्रचारक अनुचित शब्दावली और सही भाषा का इस्तेमाल करें. आयोग ने कहा कि तमाम स्टार प्रचारक और राजनीतिक दल मॉडल कोड आफ कंडक्ट और नियमों का पालन करें.

निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा, 'कई शिकायतों व जवाबी शिकायतों में इस तरह के उदाहरण सामने आए हैं और इसने मीडिया का नकारात्मक रूप से ध्यान भी आकर्षित किया है.' कर्नाटक में 10 मई को होने वाले चुनाव के लिये प्रचार जोरों पर है और इसके मद्देनजर कांग्रेस व भाजपा के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है. 

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चुनाव आयोग की नेताओं को नसीहत
केंद्रीय चुनाव आयोग ने अपने सभी अधिकारियों से कहा कि अगर कहीं नियमों का उल्लंघन होता है तो वह नियमों के हिसाब से कार्रवाई करें. आयोग ने सभी दलों के नेताओं और राजनीतिक पार्टियों को चुनाव प्रचार के दौरान आपत्तिजनक भाषा न इस्तेमाल करने की सलाह दी है.

शराब और मादक पदार्थों के रोक पर भी जोर
चुनाव आयोग ने सोमवार को छह पड़ोसी राज्यों से जुड़ी कर्नाटक की सीमा पर स्थित 185 जांच चौकियों पर चौकसी बढ़ाने का आदेश दिया ताकि 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नकदी, शराब, उपहार और मादक पदर्थ लाने से जुड़ी अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग ने चुनाव की समीक्षा और कानून व्यवस्था संबंधी समन्वय के लिए कर्नाटक और इसके पड़ोसी राज्यों गोवा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल के शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ एक आभासी बैठक की.

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बैठक में कर्नाटक और छह पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस प्रमुखों, नोडल पुलिस अधिकारियों, केंद्रीय बलों के नोडल अधिकारियों और तटरक्षक बल और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो जैसी प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. पिछले विधानसभा चुनाव में 83 करोड़ रुपये की जब्ती के मुकाबले इस विधानसभा चुनाव में अब तक 305 करोड़ रुपये की जब्ती का जिक्र करते हुए कुमार ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय किये जाने की जरूरत है जो धन बल पर नियंत्रण में नाकाम रहे हैं. (भाषा इनपुट के साथ)

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