डीएनए हिंदी: बेंगलुरु में बारिश प्रभावित हिस्सों को लेकर हाल ही में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस दौरान मंच पर संत और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavraj Bommai) भी मौजूद थे और एक संत और सीएम के बीच बहस तक हो गई. संत ईश्वरानंदपुरा स्वामी ने जब मंच से सीएम पर आरोप लगाया तो बोम्मई ने उसी दौरान उनके सवालों के जवाब दिए. वहीं जब संत बोल रहे थे तो सीएम ने एक बार उनका माइक भी छीन लिया था.
बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए संत ईश्वरानंदपुरा स्वामी ने कहा कि हम हमेशा बेंगलुरु में भारी बारिश देखते हैं, जब बारिश होती है तो जनप्रतिनिधि और बीबीएमपी अधिकारी वहां जाते हैं. इसका कोई स्थायी समाधान नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि कब इसका समाधान निकाला जाएगा.
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स्वामी ने कहा है कि कितनी बार, अगर एक बार बारिश हो जाए तो अधिकारी यह नहीं समझ पाते कि उन्हें कहां काम करना है? मुख्यमंत्री ने बहुत अच्छा जवाब दिया था, उन्होंने बेंगलुरु में इस समस्या का स्थायी समाधान करने का वादा किया था. हम वादे नहीं मानते. गौरतलब है कि सीएम पहले भी स्थायी समाधान की बात कर चुके हैं.
इस दौरान ही एक वक्त ऐसा आया कि जब स्वामी मंच से बोल रहे थे तो सीएम बोम्मई समेत कई लोग मंच पर उन्हीं के बगल में बैठे हुए थे. जैसे ही स्वामीजी ने सीएम पर आरोप लगाया तो सीएम ने उनके हाथ से माइक लेकर जवाब दिया है. इस सवाल-जवाब की प्रक्रिया ने मंच पर एक बहस होने लगी.
अपने वादे को लेकर सीएम बोम्मई ने कहा, "यह सिर्फ वादा नहीं है. इसको लेकर प्रोजेक्ट मंजूर हो चुका है और फंड भी आ गया है." बोम्मई ने कहा, "मैं सिर्फ वादे करने वाला मुख्यमंत्री नहीं हूं. वचन देता हूं तो उसको पूरा भी करता हूं, नहीं तो मैं वचन नहीं देता."
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गौरतलब है कि बेंगलुरु में तेज बारिश के चलते लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता रहा है. इस बार तो लौटते मॉनसून की बारिश के दौरान बेंगलुरु की सड़के पूरी तरह से तालाब बन गई थी जिसके चलते देश के आईटी सेक्टर की अनेकों कंपनियों का काम बिजली आपूर्ति बाधित होने के चलते प्रभावित हुआ था.
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