डीएनए हिंदी: कर्नाटक चुनाव के नतीजे आए दो दिन हो चुके हैं. पूर्ण बहुमत के बावजूद कांग्रेस अभी तक मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं कर पाई है. विधायकों ने एक लाइन का प्रस्ताव पास करके सीएम चुनने का अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दिया है. हालांकि, यह काम इतना आसान नहीं है. सोमवार को सिद्धारमैया दिल्ली पहुंचे और पार्टी हाई कमान से मुलाकात की. अब मंगलवार को डीके शिवकुमार भी दिल्ली आने वाले हैं. दूसरी तरफ, वोक्कालिगा समुदाय मंगलवार को डी के शिवकुमार के समर्थन में जुलूस भी निकालने वाला है.
पिछले 3 दिन की गतिविधियों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री का चुनाव इतना आसान नहीं होने वाला है. एक तरफ सिद्धारमैया अपनी दावेदारी यह कहते हुए पेश कर रहे हैं कि विधायक उनके समर्थन में हैं. वहीं, डी के शिवकुमार के समर्थकों का कहना है कि वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं और उन्हीं की अगुवाई में पार्टी ने चुनाव में जीत हासिल की है. हालांकि, दोनों नेताओं का यही कहना है कि आखिरी फैसला पार्टी हाई कमान लेगा.
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सोमवार को दिल्ली नहीं गए थे डीके शिवकुमार
सिद्धारमैया और शिवकुमार को सोमवार को ही दिल्ली बुलाया गया था. सिद्धारमैया दिल्ली पहुंचे और पार्टी नेतृत्व से मुलाकात की. वहीं, डीके शिवकुमार ने तबीयत खराब होने का हवाला दिया और वह दिल्ली नहीं गए. उनकी ओर से उनके भाई डीके सुरेश कांग्रेस के नेताओं से मिले. मुलाकात के बाद उन्होंने भी कहा कि वह अपने भाई को कर्नाटक का मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं.
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वोक्कालिगा समुदाय दिखाएगा जोर
डी के शिवकुमार कर्नाटक के वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. वोक्कालिगा समुदाय का तर्क है कि डी के शिवकुमार को वोक्कालिगा के साथ-साथ लिंगायतों का समर्थन भी हासिल ही है. शिवकुमार के पक्ष में माहौल बनाने के लिए वोक्कालिगा समुदाय के लोग मंगलवार को कर्नाटक में जुलूस निकालने की तैयारी में है. इस सबके बीच दिल्ली में दिन-रात बैठकें हो रही हैं, ताकि जल्द से जल्द फैसला लिया जा सके और पार्टी को एकजुट रखा जा सके.
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