डीएनए हिंदी: कर्नाटक में मुख्यमंत्री कार्यालय (Karnataka CMO Office) की ओर पत्रकारों को दिए गए दिवाली गिफ्ट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. आरोप है कि कुछ पत्रकारों को मिठाई के डिब्बे में लगभग एक लाख रुपये दिए गए. कर्नाटक कांग्रेस (Karnataka Congress) ने कुछ पत्रकारों के हवाले से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार को घेरा है. कुछ पत्रकारों ने दावा किया है कि उन्हें लाखों रुपये दिए गए लेकिन उन्होंने ये पैसे लौटा दिए और अपने संस्थानों को इसके बारे में सूचना दी. अब कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं कि क्या यह रिश्वत नहीं है? कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने पूछा है कि क्या प्रवर्तन निदेशालय या आयकर विभाग इसका संज्ञान लेगा?
कांग्रेस ने अब इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है. आरोप है कि दिवाली के मौके पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कुछ पत्रकारों के मिठाई के साथ-साथ डिब्बों में एक लाख रुपये दिए गए. इस मामले में कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, '40 प्रतिशत कमीशन सरकार ने पत्रकारों को एक लाख रुपये नकद देकर उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की.'
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कांग्रेस ने सीएम बसवराज बोम्मई से पूछे सवाल
रणदीव सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से इस बारे में कई सवाल पूछे. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'क्या श्रीमान बोम्मई जवाब देंगे- क्या यह मुख्यमंत्री द्वारा "रिश्वत" नहीं है? एक लाख रुपये का स्रोत क्या है? क्या यह सरकारी खजाने का पैसा है या मुख्यमंत्री ने खुद दिया है? क्या ईडी या आयकर विभाग इसका संज्ञान लेगा?' कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की और इसे मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से पत्रकारों को 'स्वीट बॉक्स ब्राइब' यानी मिठाई के डिब्बे में रिश्वत करार दिया.
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कांग्रेस पार्टी ने कहा, 'राज्य के लोगों को पता होना चाहिए कि कितना पैसा रिश्वत के तौर पर दिया गया है और कितना पैसा प्राप्त किया गया है और कितना लौटाया गया.' सीएमओ के सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि वह इससे अनभिज्ञ हैं कि पत्रकारों को 'नकदी' दी गई. हालांकि, अभी मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
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