डीएनए हिंदी: कर्नाटक के बेंगलुरु में एक स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) और उनके परिवार के सदस्यों पर भ्रष्टाचार (Curruption) का आरोप लगाने वाली एक निजी शिकायत पर प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने और जांच करने का आदेश दिया है. यह आदेश कर्नाटक हाई कोर्ट की ओर से सात सितंबर को स्पेशल कोर्ट को भ्रष्टाचार की शिकायत पर नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश देने के ठीक एक सप्ताह बाद आया है.
स्थानीय अदालत ने इस मामले में 8 जुलाई को शिकायत खारिज कर दी थी क्योंकि राज्यपाल ने शिकायतकर्ता टीजे अब्राहम को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि शिकायतकर्ता राज्यपाल से मंजूरी लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं था.
केजरीवाल की फिर बढ़ीं मुश्किलें, LG ने लो फ्लोर बसों की खरीद मामले में CBI जांच की दी मंजूरी
क्या है बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ आरोप?
यह शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बैंगलोर विकास प्राधिकरण के अनुबंध देने के बदले में रिश्वत ली थी.
Manish Sisodia बोले- दबाव बनाने पर अधिकारी ने दे दी जान, सीबीआई ने खारिज किया दावा
कोर्ट के आदेश पर क्या बोले बीएस येदियुरप्पा?
कोर्ट के इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा, 'इनमें से किसी भी आरोप में कोई सच्चाई नहीं है. मैं इन सभी मामलों से बाहर आऊंगा. ये चीजें स्वाभाविक हैं, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.'
कितने लोग हैं आरोपी?
येदियुरप्पा के अलावा इस मामले में उनके बेटे बीवाई विजयेंद्र, पोते शशिधर मराडी, दामाद संजय श्री, व्यापारी चंद्रकांत रामलिंगम, विधायक और तत्कालीन बीडीए अध्यक्ष एस टी सोमशेखर, IAS अधिकारी जीसी प्रकाश, के रवि और विरुपक्षप्पा अन्य आरोपी हैं. (इनपुट: भाषा)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.