कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा को कर्नाटक हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने पॉक्सो (POCSO) मामले उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. हालांकि, कोर्ट ने येदियुरप्पा को आदेश दिया है कि वह जांच में सहयोग करें. पूर्व सीएम को 17 जून को CID के सामने पेश होना होगा. इस मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
CID की जांच टीम ने बुधवार को पूछताछ के लिए बीएस येदियुरप्पा के पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद कोर्ट ने येदियुरप्पा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था. येदियुरप्पा की तरफ से कहा गया था कि वह फिलहाल दिल्ली में नहीं हैं. लौटने के बाद जांच में शामिल होंगे.
17 साल की नाबालिग से यौन उत्पीड़न का आरोप
येदियुरप्पा भाजपा के संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं. पुलिस के अनुसार, येदियुरप्पा पर 17 साल नाबालिग की मां की शिकायत के आधार पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया गया है. किशोरी की मां ने येदियुरप्पा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इस साल 2 फरवरी को डॉलर्स कॉलोनी स्थित अपने आवास पर एक भेंट के दौरान उसकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया.
नाबालिग के भाई ने हाल ही में एक अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि पुलिस ने 14 मार्च को मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन जांच में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है. याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया था कि येदियुरप्पा को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जानी चाहिए.
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CID को ट्रांसफर किया गया केस
सदाशिवनगर पुलिस द्वारा 14 मार्च को मामला दर्ज किए जाने के बाद कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक आलोक मोहन ने एक आदेश जारी कर मामले को जांच के लिए CID को ट्रांसफर कर दिया था. येदियुरप्पा के खिलाफ आरोप लगाने वाली 54 वर्षीय महिला का पिछले महीने एक निजी अस्पताल में फेफड़ों के कैंसर के कारण निधन हो गया था.
पूर्व सीएम ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि वह कानूनी रूप से इस मामले का मुकाबला करेंगे. अप्रैल में CID ने येदियुरप्पा को कार्यालय में बुलाकर उनकी आवाज का नमूना एकत्र किया था. इस बीच सरकार ने इस मामले में सीआईडी का प्रतिनिधित्व करने के लिए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अशोक एच नायक को नियुक्त किया है. येदियुरप्पा ने प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है. (PTI इनपुट के साथ)
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