Karnataka में भी यूपी की तरह होगा मदरसों का सर्वे! बोम्मई सरकार ने शुरू की तैयारी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 02, 2022, 09:01 AM IST

उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे के आदेश के बाद से ही अल्पसंख्यक समुदाय के कई नेता और धर्म गुरु योगी सरकार पर हमलावर हैं.

डीएनए हिंदी: मदरसों का सर्वे... यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके चलते पिछले कुछ वक्त से उत्तर प्रदेश की राजनीति गर्म है. वहीं अब खबरें हैं कि कर्नाटक की बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) के नेतृत्व वाली BJP सरकार ने भी राज्य में मदरसा सर्वे (Madarsa Survey) करने की प्लानिंग कर ली है और इसके लिए संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारियां भी दे दी गई है. कर्नाटक में विधानसभा चुनावों (Karnataka Assembly Elections) से ठीक पहले यह मुद्दा सियासी पारा बढ़ा रहा है. 

दरअसल, रिपोर्ट्स यह बता रही हैं कि कर्नाटक में शिक्षा विभाग जल्द ही राज्य के सभी मदरसों का सर्वे करा सकता है. इसको लेकर सामने आया है कि कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार ने सर्वेक्षण करने के लिए शिक्षा विभाग के आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है जो कि अक्टूबर में कभी भी अपना काम शुरू कर सकती है. 

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योगी सरकार ने भी दिए थे आदेश 

अहम बात यह है कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने भी राज्य के सभी मदरसों का सर्वे कराने का आदेश दिया था. इस मुद्दे पर मुस्लिम संगठनों समेत मुफ्तियों और मौलानाओं का कहना था कि सरकार जान-बूझकर साजिश कर रही है जिससे इस्लामिक शिक्षा पर वे चोट कर सकें. हालांकि इस मुद्दे पर एक बड़े अल्पसंख्यक वर्ग ने योगी सरकार (Yogi Government) के इस फैसले का स्वागत भी किया था. 

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शिक्षा मंत्री ने ही दिया था आदेश

मदरसों में सर्वे को लेकर जब अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर बताया है कि मदरसों में सर्वे के आदेश तो शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने 23 अगस्त को ही जारी कर दिए थे और कमेटी का गठन भी कर दिया था. अहम बात यह है कि इस कमेटी को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए किसी भी प्रकार की कोई डेडलाइन नहीं दी गई है. 

क्यों किया जा रहा है मदरसों का सर्वे? 

अब सवाल यह उठता है कि आखिर इन मदरसों का सर्वे क्यों किया जा रहा है तो इसको लेकर अधिकारियों का कहना है कि इन सर्वेक्षणों के माध्यम से मदरसों में जाने वाले छात्रों को प्रदान की जाने वाली औपचारिक शिक्षा की गुणवत्ता की जांच की जाएगी. इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि बच्चों को मदरसों में शिक्षा के मौलिक अधिकार के तहत वह शिक्षा प्रदान की जा रही है जिससे उनका भविष्य सुदृढ़ हो, या नहीं. 

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वहीं इस आदेश के विपरीत मुस्लिम वर्ग इसे उनके शरीया की शिक्षा में दखल बताकर सरकार की नीयत पर शक कर रहा है. अल्पसंख्यक वर्ग का एक आरोप यह भी है कि ये भाजपा शाषित सरकारें मदरसों को खत्म करना चाहती हैं. इसलिए इस तरह के सर्वे कराए जा रहे हैं. 

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