डीएनए हिंदी: कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार में मंत्री शिवानंद पाटिल ने बेहद असंवेदनशील और विवादित बयान दी है. किसानों की आत्महत्याओं का मजाक उड़ाते हुए शिवानंद पाटिल ने कह दिया कि किसान तो मुआवजे के लिए आत्महत्या कर रहे हैं. कर्नाटक सरकार में गन्ना विकास मंत्री शिवानंद पाटिल ने कहा कि जब से सरकार ने मृतक किसानों के परिवार को दिया जाने वाला मुआवजा बढ़ा दिया है तब से किसानों की आत्महत्या की संख्या भी बढ़ गई है. अब उनके इस बयान पर किसान संगठनों ने सख्त नाराजगी जताई है.
किसान संगठनों ने शिवानंद पाटिल के बयान पर आपत्ति दर्ज कराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है. कर्नाटक राज्य रायथा संघ के पदाधिकारी मल्लिकार्जुन बेल्लारी ने कहा है कि ऐसा बयान देने वाले मंत्र को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा, 'अगर हम आपके परिवार को 50 लाख का मुआवजा दें तो क्या आप आत्महत्या कर लेंगे?' किसान संगठनों ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से अपील की है कि वे अपने इस मंत्री को मंत्रिमंडल से बाहर करें.
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सफाई देने लगे शिवानंद पाटिल
किसान संगठनों की नाराजगी और बयान पर हंगामे के बाद शिवानंद पाटिल सफाई देते नजर आए. उन्होंने कहा, 'मैं किसानों की भावनाएं आहत नहीं करना चाहता था. मैं तो मीडिया के लोगों को सलाह दे रहा था कि वे और जिम्मेदार बनें और किसानों की खुदकुशी पर रिपोर्टिंग से पहले FSL रिपोर्ट का इंतजार करें.' बता दें कि शिवानंद पाटिल पहले भी इस तरह के विवादित बयान दे चुके हैं.
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शिवानंद पाटिल ने कहा कि अगर पुलिस की एफआईआर के हिसाब से काम करेंगे तो मीडिया के लोग हमेशा गलत ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब शराब की लत, हार्ट अटैक और अन्य वजहों से भी किसानों की मौत हुई है लेकिन लोग मुआवजा लेने के लिए मौत की वजह छिपाने की कोशिश करते हैं.
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