Tax on Temple Row: क्या है कर्नाटक में मंदिरों पर 10 परसेंट टैक्स का विवाद, जिसे BJP बता रही जजिया कर, कांग्रेस ने किया पलटवार

रईश खान | Updated:Feb 22, 2024, 10:39 PM IST

Siddaramaiah

Karnataka Temple Tax: कर्नाटक सरकार की ओर से पास किए गए विधेयक के मुताबिक, राज्य में जिन मंदिरों का राजस्व 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है उन पर 10 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा.

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने बुधवार को 'कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024' पारित किया. इसमें मंदिरों के राजस्व पर 10 फीसदी टैक्स लगाए जाने का प्रावधान किया गया है. कांग्रेस सरकार के इस फैसले के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है. बीजेपी ने आरोप लगाया कि मंदिरों के पैसों से सरकार अपना ‘खाली खजाना’ भरना चाहती है. उन्होंने इसकी तुलना जजिया कर से की है.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, 'कर्नाटक में कांग्रेस लगातार हिंदू विरोधी नीतियां अपना रही है. अब इनकी नजर हिंदू मंदिरों पर पड़ गई है. अपना खाली खजाना भरने के लिए हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक पारित किया है. मैं पूछना चाहता हूं कि राजस्व के लिए हिंदू मंदिरों को ही क्यों निशाना बनाया जाता है. अन्य धर्मों पर क्यों नहीं?'

सरकार ने क्या दिया जवाब?

बीजेपी के आरोपों पर परिवहन और हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि यह प्रावधान नया नहीं है, बल्कि 2003 से अस्तित्व में है. उन्होंने यह भी कहा कि अधिक आय वाली श्रेणी में शामिल मंदिरों से राजस्व इकट्ठा करने के लिए 2011 में तत्कालीन बीजेपी सरकार द्वारा एक संशोधन लाया गया था. उन्होंने कहा कि कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम 1997 एक मई 2003 को लागू हुआ था.


ये भी पढ़ें- भारत जोड़ो न्याय यात्रा में एकसाथ नजर आएंगे 'यूपी के लड़के', तारीख और जगह का हुआ ऐलान 


कर्नाटक में राजस्व की दृष्टि से ‘सी’ श्रेणी में 3,000 ऐसे मंदिर शामिल हैं, जिनकी आय पांच लाख रुपये से कम है और इन मंदिरों से ‘धार्मिक परिषद’ को कोई पैसा नहीं मिलता है. रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि धार्मिक परिषद तीर्थयात्रियों के लाभ के लिए मंदिर प्रबंधन में सुधार करने वाली एक समिति है.

उन्होंने कहा कि 5 लाख रुपये से 25 लाख रुपये के बीच की आय वाले मंदिर B कैटेगरी में आते हैं, जहां से सकल आय का पांच प्रतिशत 2003 से धार्मिक परिषद को जा रहा है. रेड्डी ने कहा कि अब हमने यह किया है कि अगर आय 10 लाख रुपये तक है तो हमने इसे धार्मिक परिषद को भुगतान करने से मुक्त कर दिया है.

कितना लगेगा टैक्स?

कर्नाटक सरकार की ओर से पास किए गए विधेयक के मुताबिक, राज्य में जिन मंदिरों का राजस्व 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है उन पर 10 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा. वहीं जिन मंदिरों का राजस्व 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक है, उन पर 5 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया गया है. सरकार ने कहा कि राज्य में 40,000 से 50,000 पुजारी हैं, जिनकी राज्य सरकार मदद करना चाहती है. (PTI इनपुट के साथ)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Karnataka Temple Tax karnataka news CM Siddaramaiah