Kashi Urban Ropeway Station: एक से बढ़कर एक खूबियों से लैस, जानें क्या है मोदी सरकार का ये ड्रीम प्रोजेक्ट

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 05, 2022, 04:56 PM IST

Kashi Vishwanath मंदिर में दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए नेशनल हाइवे द्वारा यह प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है जिससे पर्यटन भी बढ़ेगा.

डीएनए हिंदी: मोदी सरकार (Modi Government) धर्मनगरियों का लगातार विकास कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) बनने के बाद वहां पर्यटन में विस्तार हुआ है. ऐसे में काशी में एक और प्रोजेक्ट शुरू होने वाला है. यह प्रोजेक्ट देश के पहले अर्बन रोपवे प्रोजेक्ट (Urban Ropeway Project) से जुड़ा है. काशी विश्वनाथ में दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को अब रेलवे स्टेशन से रोपवे के जरिए मंदिर पहुंचाने का प्लान तैयार किया गया है जिससे उन्हें शहर के ट्राफिक का सामना न करना पड़े.
 
यह प्रोजेक्ट नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड यानी NHLML के अंतर्गत लाया गया है. खास बात यह है कि इस रोपवे के स्टेशन के ऊपर शानदार होटल भी बनाया जाएगा जिसमें श्रद्धालुओं के लिए सभी तरह की सर्विसेज की व्यवस्था की जाएगी. यहा उनके खाने-पीने और ठहरने तक का विशेष प्लान तैयार किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक इस हफ्ते इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर पास कर दिया जाएगा और मई 2023 तक जमीन पर काम दिखने लगेगा. 

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रेलवे स्टेशन पर बनेगा रोपवे

जिम्मेदारों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट अगले दो वर्षों में पूरा होगा, इससे सबसे ज्यादा फायदा श्रद्धालुओं को होगा. जब पर्यटक बनारस की खूबसूरती और ऐतिहासिक विरासत को निहारने आएंगे तो उन्हें यहां की तंग गलियों से लेकर ट्राफिक की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. NHLML के सीईओ प्रकाश गौड़ ने इस प्रोजेक्ट को लेकर बताया है कि काशी में रेलवे स्‍टेशन पर ही रोपवे का पहला स्‍टेशन बनाया जाएगा.

काशी विश्वनाथ के दर्शन करना होगा आसान

रेलवे स्टेशन के पास वाले रोपवे स्टेशन पर ही एक विशाल होटल बनाने की तैयारी है. प्रकाश गौड़ ने बताया है कि होटल बनाने यह उद्देश्‍य है कि काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले श्रद्धालु ट्रेन से रेलवे स्‍टेशन पर उतरें और वहां से ओवर ब्रिज से रोपवे स्‍टेशन पहुंचें. स्‍टेशन के ऊपर बने होटल में तैयार होकर रोपवे से सीधा मंदिर दर्शन के लिए जा सकें जो कि उनकी काशी यात्रा को सहज बना देगा.

जानकारी के मुताबिक इस रोपवे पर हर घंटे करीब 3,000 श्रद्धालु सफर करेंगे. शुरुआत में इसमें केवल 18 केबल कार चलेंगी लेकिन बाद में इसकी सफलता को देखते हुए यहां केबल कारों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाएगी. अधिकारियों का कहना है कि एक केबल कार में 10 सीटें होंगी. वहीं केबल कारों से पर्यटकों को काशी की चमक भी देखने को मिलेगी. 

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कौन-कौन से होंगे स्टेशन?

प्रोजक्ट के मुताबिक काशी रोपवे करीब 3.75 किमी लंबा होगा. इसमें पांच स्‍टेशन बनाए जाएंगे लेकिन चढ़ने उतरने के लिए चार स्‍टेशन ही होंगे. पांचवां स्‍टेशन तकनीकी कारणों से बनाया जाएगा, जहां सभी तरह के मेंटनेंस के काम किए जाएंगे. स्टेशनों की बात करें तो पहला कैंट रेलवे स्‍टेशन होगा, जहां से रोपवे शुरू होगा. इसके बाद विद्यापीठ, फिर रथयात्रा और आखिरी स्टेशन गोदौलिया होगा. इसके बाद मंदिर तक लोगों को सड़क मार्ग से जाना होगा.

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