Kashmir: 3 जून को स्थिति की समीक्षा करेंगे गृहमंत्री अमित शाह, हिंदू कर्मचारियों की सुरक्षा बड़ा मुद्दा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 02, 2022, 02:55 PM IST

गृह मंत्री अमित शाह

यह बैठक घाटी में आतंकवादियों द्वारा हिंदू कर्मचारियों की लक्षित हत्याओं और अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर हो रही है.

डीएनए हिंदी: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन जून को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और अन्य के साथ जम्मू कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे. अधिकारियों ने कहा कि उपराज्यपाल के अलावा गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारी बैठक में भाग लेंगे. उन्होंने बताया कि यह बैठक घाटी में आतंकवादियों द्वारा हिंदू सरकारी कर्मचारियों की लक्षित हत्याओं और प्रशासन द्वारा की जा रही अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर हो रही है. अमरनाथ यात्रा इस माह के अंत से शुरू होगी.

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कश्मीरी पंडित कर्मचारी सामूहिक पलायन की तैयारी में जुटे
कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के एक समूह ने घाटी में गैर मुस्लिम कर्मचारियों की आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्या के खिलाफ बुधवार को सामूहिक पलायन की तैयारी शुरू कर दी. इन्हें समुदाय के लिए प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत नौकरियां दी गई हैं. समूह ने कहा कि वे बुधवार को ट्रक-मालिकों से मिल रहे हैं जहां वे उनके समान को ले जाने के भाड़े पर बातचीत करेंगे.

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जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों द्वारा एक शिक्षिका की गोली मारकर हत्या करने के कुछ घंटे बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के एक संगठन ने धमकी दी थी कि अगर उन्हें 24 घंटे में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित नहीं किया गया तो वे घाटी छोड़ देंगे. उनके एक प्रतिनिधि ने कहा, "हम ट्रक मालिकों से भाड़ा तय करने के लिए आए हैं। देखते हैं, आज शाम तक सरकार कोई फैसला लेती है या नहीं. अगर नहीं तो फिर हम कल से यहां से पलायन शुरू कर देंगे."

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एक कर्मचारी ने कहा, "अगर सरकार 24 घंटे में हमारी (सुरक्षा के लिए) कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो एक बार फिर सामूहिक पलायन होगा."

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उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्या जारी है और समुदाय अब सरकार से अपील करते-करते थक गया है. उन्होंने कहा, "हमें स्थानांतरित किया जाना चाहिए ताकि हमें बचाया जा सके. हमारा प्रतिनिधिमंडल पहले उपराज्यपाल से मिला था और हमने उनसे हमारी सुरक्षा के लिए कहा था. हम घाटी में स्थिति सामान्य होने तक दो से तीन साल के लिए अस्थायी तौर पर स्थान परिवर्तन की मांग कर रहे हैं. कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त बनाने के लिए आईजीपी कश्मीर ने भी यही समय सीमा रखी है."

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जम्मू संभाग के सांबा जिले की रहने वाली रजनी बाला की मंगलवार को कुलगाम के सरकारी स्कूल में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. उनसे पहले बडगाम जिले के तहसीलदार चदूरा के कार्यालय में घुसकर क्लर्क राहुल भट की 12 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. दक्षिण कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमेश तलाशी ने मौजूदा हालात के लिए भाजपा पर निशाना साधा है. तलाशी ने ट्वीट किया कि 1990 दोहराता हुआ. उन्होंने कहा, "कश्मीरी पंडित कश्मीर में लगातार होती लक्षित हत्याओं के बाद जम्मू स्थानांतरित होने के वास्ते ट्रक चालकों से भाड़ा तय करने के लिए निकले"

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