Kashmir: तेज हुआ कश्मीरी पंडितों का विरोध प्रदर्शन, हर हाल में ट्रांसफर की कर रहे हैं मांग

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 03, 2022, 04:10 PM IST

कश्मीरी पंडितों का जारी है घाटी में विरोध प्रदर्शन.

कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. टार्गेट किलिंग से अब कश्मीरी पंडितों में खौफ मच गया है.

डीएनए हिंदी: कश्मीर (Kashmir) में आतंकवादी लगातार टारगेट किलिंग कर रही हैं. लगातार हो रही हत्याओं से भड़के कश्मीरी हिंदू (Kashmiri Hindu) अब हर हाल में ट्रांसफर चाहते हैं. कश्मीरी पंडितों (Kashmir Pandit)  का विरोध प्रदर्शन अब तेज हो गया है.

कश्मीरी पंडितों की मांग है कि उन्हें कश्मीर से अपने गृह जिलों में ट्रांसफर कर दिया जाए. प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर शिक्षक शामिल हैं. वे मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के एक स्कूल में अपनी सहयोगी रजनी बाला की आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या करने के बाद जम्मू लौट आए हैं.

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'मर जाएंगे लेकिन कश्मीर नहीं जाएंगे'

'जम्मू आधारित रिजर्व श्रेणी कर्मचारी संघ' के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को प्रेस क्लब से आंबेडकर चौक तक मार्च निकाला. इसके बाद शुक्रवार को शहर के बीचों-बीच पनामा चौक पर धरना दिया. 

धरने में शामिल एक प्रदर्शनकारी सुरिंदर कुमार ने कहा, 'हम 'टारगेट किलिंग के मद्देनजर मौजूदा खतरनाक परिस्थितियों में अपने कार्यों को फिर से शुरू करने के लिए कश्मीर नहीं लौटेंगे. हम वापस जाने के बजाय यहां मरना पसंद करेंगे.'

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प्रदर्शनकारियों ने सरकार से उनके विरोध पर ध्यान देने और कश्मीर से जम्मू क्षेत्र में उनका स्थानांतरण सुनिश्चित करने का आग्रह किया. सुरिंदर कुमार ने कहा कि वह पहले ही 15 साल से कश्मीर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और आतंकवादियों के हाथों मारे जाने के लिए घाटी में लौटने को तैयार नहीं हैं.

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एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, 'कश्मीर में सुरक्षित क्षेत्र कहां हैं? हमें बाहर जाना होगा, बच्चों को स्थानीय स्कूलों में डालना होगा और अपने कर्तव्यों का पालना करना होगा.'

महिला प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे पिछले एक दशक से कश्मीर में स्थानीय आबादी के साथ हंसी-खुशी रह रही थीं, लेकिन हाल के महीनों में हुई लक्षित हत्याओं ने उनके दिलोदिमाग में डर पैदा कर दिया है. (भाषा इनपुट के साथ)

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