KCR ने मीटिंग में जाने से किया इनकार, नीति आयोग ने दिखा दिया पूरा हिसाब-किताब

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 06, 2022, 07:42 PM IST

केसीआर ने किया नीति आयोग की मीटिंग का बहिष्कार

KCR Niti Aayog Meeting: नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करते हुए तेलंगाना के सीएम केसीआर ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए हैं कि वह राज्यों के साथ भेदभाव कर रही है.

डीएनए हिंदी: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव यानी केसीआर (KCR) ने शनिवार ऐलान किया कि वह नीति आयोग (Niti Aayog) की बैठक में शामिल नहीं होंगे. केसीआर ने कहा कि राज्यों के प्रति केंद्र सरकार के भेदभावपूर्ण रुख के खिलाफ वह 7 अगस्त को होने वाली नीति आयोग की गर्वनिंग काउंसिल (Niti Aayog Governing Council) की 7वीं बैठक का बहिष्कार करेंगे. नीति आयोग ने अब केसीआर के इन आरोपों पर जवाब दिया है. नीति आयोग ने जल जीवन मिशन समेत कई योजनाओं का हिसाब-किताब दिया है कि केंद्र की ओर से तेलंगाना को हजारों करोड़ रुपये जारी किए गए लेकिन केसीआर की सरकार ने उन पैसों का इस्तेमाल ही नहीं किया. नीति आयोग ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केसीआर इस बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं.

इससे पहले, केसीआर ने पीएम मोदी को कड़े शब्दों में लिखे अपने पत्र में कहा, 'भारत एक मजबूत राष्ट्र के रूप में तभी विकसित हो सकता है, जब राज्य विकसित हों. मजबूत और आर्थिक रूप से जीवंत राज्य ही भारत को एक मजबूत देश बना सकते हैं. इन तथ्यों को देखते हुए, मुझे 7 अगस्त, 2022 को होने वाली नीति आयोग की सातवीं बैठक में हिस्सा लेना उपयोगी नहीं लगता. मैं भारत को एक मजबूत और विकसित देश बनाने के हमारे सामूहिक प्रयास में राज्यों के साथ भेदभाव करने और उन्हें समान भागीदार के रूप में नहीं मानने के केंद्र सरकार के वर्तमान रुख के खिलाफ इस बैठक से दूर रहूंगा.'

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नीति आयोग का आरोप- केसीआर ने बैठक के बारे में नहीं दिया जवाब
केसीआर के इन आरोपों पर नीति आयोग ने पलटवार किया है. नीति आयोग ने केसीआर को जवाब देते हुए कहा, 'राज्यों के साथ और बेहतर काम करने के लिए पहले ही कई कदम उठाए गए हैं. पिछले साल मुख्यमंत्रियों के साथ 30 से ज्यादा बैठकें की गईं. पिछले साल तेलंगाना के मुख्यमंत्री से हमारे डेलिगेशन ने हैदराबाद में मुलाकात की. हाल में, तेलंगाना के सीएम से कई बार अनुरोध किया गया लेकिन उन्होंने बैठक के बारे में कोई जवाब ही नहीं दिया.'

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नीति आयोग ने आगे बताया, 'पिछले चार सालों में केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन योजना के तहत तेलंगाना के लिए 3,982 करोड़ रुपये आवंटित किए लेकिन राज्य सरकार ने इसमें से सिर्फ़ 200 करोड़ रुपये ही खर्च किए. इसके अलावा, साल 2014 से साल 2022 के बीच कई अन्य योजनाओं के तहत तेलंगाना को 1,195 करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में शामिल न होने का फैसला लिया है.'

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