डीएनए हिंदी: दिल्ली में ऑड-ईवन योजना पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आलोचना की जाने के बाद केजरीवाल सरकार ने अपना हलफनामा दायर किया है. आप सरकार ने अपने हलफनामे में सर्वोच्च अदालत को बताया कि आखिर ऑड-ईवन लागू करने से दिल्ली में प्रदूषण कम करने में कितना फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह स्कीम महज दिखावा नहीं है, बल्कि वैज्ञानिक सबूत है कि इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. इससे भीड़भाड़ कम हुई. पॉल्यूशन का स्तर गिरा है और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग में वृद्धि हुई है. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने सीएनजी कारों पर भी पाबंदी लगाने की बात कही है.
दिल्ली सरकार ने अपने हलफनामे में सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि ऑड-ईवन योजना वाहनों के ईंधन की खपत कम होगी. पिछली बार Odd-Even लागू करने की वजह से औसत प्रति दिन लगभग 15 प्रतिशत ईंधन की खपत में कमी आई थी.
ये भी पढ़ें- दिल्ली-NCR को प्रदूषण से मिली राहत, बारिश के बाद 100 से नीचे पहुंचा AQI
CNG कारों पर भी लगेगी पाबंदी
सरकार ने कहा कि हम CNG कारों पर पाबंदी पर विचार कर रहे हैं. क्योंकि पिछली बार ऑड-ईवन के दौरान बहुत लोगों ने अपनी पुरानी गाड़ियों में सीएनजी किट लगवा ली थी. जिससे दो तरह की परेशानी सामने आई थी. एक तो शहर की सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम नहीं हुई. दूसरा सीएनजी के नाम पर पेट्रोल पर लोगों ने गाड़ियों को चलाया था.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था सवाल
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर राज्य सरकारों को जमकर लताड़ लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि प्रदूषण रोकना अदालत की जिम्मेदारी नहीं हो सकती, सभी को मिलकर इसके लिए हल निकालना होगा और अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करनी पड़ेगी. जस्टिस संजय किशन कौल ने दिल्ली में ऑड-ईवन लागू किए जाने पर केजरीवाल सरकार से पूछा था कि यह नियम कितनी बार लागू हो चुका है. क्या यह सफल हुआ है?
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.