'हाथ पकड़कर निकलना नौटंकी, शीशमहल कभी खाली नहीं...', BJP ने केजरीवाल पर साधा निशाना

Written By मीना प्रजापति | Updated: Oct 07, 2024, 10:09 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अभी तक दिल्ली स्थित सरकारी बंगला औपचारिक रूप से खाली नहीं किया है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अभी तक दिल्ली  स्थित सरकारी बंगला औपचारिक रूप से खाली नहीं किया है. PTI की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के आरोप उस दिन आए हैं, जब दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा छोड़े गए बंगले में शिफ्ट हो गईं. दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेष सचिव प्रशांत रंजन झा को लिखा गया एक कथित पत्र जारी किया. 

'शीशमहल पर केजरीवाल का कब्जा'
केजरीवाल ने 4 अक्टूबर को सरकारी बंगला छोड़ दिया, जहां वे राष्ट्रीय राजधानी के मुख्यमंत्री के रूप में पिछले 10 वर्षों से रह रहे थे. ANI ने सचदेवा के हवाले से कहा कि चार दिन पहले, हम सभी ने अरविंद केजरीवाल को अपने माता-पिता का हाथ पकड़कर बंगला छोड़ते हुए देखा था, लेकिन सरकारी नियमों के अनुसार, आज भी शीश महल पर उनका कब्जा है. केजरीवाल का नाटक केवल सहानुभूति हासिल करने का एक प्रयास था, जिसमें सुनीता केजरीवाल ने एक अधिकारी को चाबियां सौंपी थीं, जो पूरी तरह से कैमरे में दिखाने के लिए था. 

भाजपा ने इस सराकारी बंगले को निशाना बनाने के लिए 'शीश महल' शब्द का इस्तेमाल किया है. पार्टी ने इसके निर्माण में कथित अनियमितताओं और महंगे इंटीरियर और घरेलू सामानों पर खर्च किए गए पैसे को लेकर अभियान चलाया था. भाजपा नेता ने कहा कि उक्त बंगला दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए निर्धारित आवास नहीं है, बल्कि लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व वाला एक कॉमन पूल बंगला है. इसके पुनर्निर्माण और विस्तार के संबंध में सतर्कता विभाग की जांच चल रही है.

'कैमरे के लिए वापस की गईं चाबियां'
उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार, बंगला खाली कर दिया जाना चाहिए था और चाबियां लोक निर्माण विभाग के अनुभाग अधिकारी विजय कुमार को सौंप दी जानी चाहिए थीं. हालांकि, चाबियां केवल कैमरों के लिए सौंपी गईं और कुछ ही देर बाद विशेष सचिव प्रशांत रंजन झा ने उन्हें वापस ले लिया. 'प्रोटोकॉल के अनुसार, जब भी कोई सरकारी बंगला खाली किया जाता है, तो एक सूची बनाई जाती है और वीडियोग्राफी के माध्यम से बंगले की स्थिति का दस्तावेजीकरण किया जाता है. इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया.'


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सचदेवा ने कहा कि दिल्ली के लोग चाबियों को लेकर हो रही खींचतान से हैरान हैं और उन्हें आश्चर्य है कि शीश महल बंगले में ऐसा क्या छिपा है जो अरविंद केजरीवाल को अस्थायी तौर पर भी लोक निर्माण विभाग को अपना बंगला सौंपने से रोक रहा है.

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