Kerala High Court ने दिया बड़ा बयान, पूछा- अगर है भ्रष्टाचार का शक तो ED क्यों नहीं कर सकती पूछताछ?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 11, 2022, 06:29 PM IST

ED की कार्रवाई को लेकर राजनीतिक दल सवाल उठा रहे हैं. इस बीच Kerala High Court ने ईडी की कार्रवाई का सांकेतिक समर्थन कर दिया है.

डीएनए हिंदी: देश में इस समय केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) लगातार भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कार्रवाई के साथ ही छापेमारी भी कर रही है जिसके चलते ईडी के खिलाफ लगातार राजनीति हमले भी हो रहे हैं. वहीं अब ईडी से जुड़े ऐसे ही सवालों पर केरल हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी सामने आई है.  केरल हाईकोर्ट ने सवाल उठाया है कि यदि ईडी को किसी पर  भ्रष्टाचार शक है तो पूछताछ करने में क्या हर्ज है. 

दरअसल, केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने बृहस्पतिवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता थॉमस इसाक से पूछा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) को अगर किसी पर शक है तो वह उससे पूछताछ क्यों नहीं कर सकती. वहीं अदालत ने जांच एजेंसी को भी याद दिलाया है कि वे किसी व्यक्ति की निजता का उल्लंघन नहीं किया जा सकते हैं. 

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क्यों नहीं हो सकती पूछताछ 

खबरों के मुताबिक न्यायमूर्ति वी जी अरुण ने यह टिप्पणी इसाक की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की जिसमें नेता ने ईडी की तरफ से उन्हें जारी दो सम्मन को रद्द करने का अनुरोध किया था. ईडी ने पूर्ववर्ती वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार में उनके वित्त मंत्री रहने के दौरान केरल अवसंरचना निवेश निधि बोर्ड (केआईआईएफबी) में वित्तीय लेनदेन में हुई कथित गड़बड़ी के मामले में उन्हें सम्मन जारी किया था और नेता इस समन को रद्द कराने की मांग कर रहे थे. 

इस सुनवाई के दौरान अदालत ने इसाक से पूछा कि अगर ईडी को कोई संदेह है तो वह उनसे पूछताछ क्यों नहीं कर सकती और एजेंसी द्वारा क्या किसी व्यक्ति को संदिग्ध के बजाए गवाह के तौर पर नहीं बुलाया जा सकता है. कोर्ट के सवालों के जवाब में इसाक की तरफ से पेश हुए वकील ने अदालत को बताया कि ईडी को सिर्फ यह संदेह है कि क्या उनसे पूछताछ होनी चाहिए और कहा कि माकपा नेता के साथ संदिग्ध सरीखा व्यवहार किया जा रहा है.

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निजता का भी रखें ख्याल

इसके साथ ही माकपा नेता के वकील ने कहा कि ईडी ने अपने समन में स्पष्ट नहीं किया है कि इसाक ने क्या गड़बड़ी की थी और एक नोटिस में एजेंसी ने उनसे सिर्फ उनके निजी मामलों के बारे में पूछा है. इस पर कोर्ट ने ईडी को याद दिलाया है कि वे किसी की भी निजता का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अब केरल हाईकोर्ट ने सुनवाई 17 अगस्त तक के लिए टाल दी है.

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