क्या फिर UP BJP के अध्यक्ष बनेंगे केशव प्रसाद मौर्य? ट्वीट में दिए संकेत

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 21, 2022, 09:07 PM IST

केशव प्रसाद मौर्य को बीजेपी एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंप सकती है. केशव ने खुद ही इस घटनाक्रम के संकेत दिए हैं. हालांकि पहले भी वे इस पद पर रह चुके हैं.

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सिराथू से हारने के बावजूद एमएलसी केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) को बीजेपी (BJP) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की कैबिनेट में डिप्टी सीएम की जगह दी थी. वहीं प्रदेश में पार्टी का ध्यक्ष पद खाली है और अब संभावनाए हैं कि केशव को एक बार यह पद दिया जा सकता है जिसका संकेत उन्होंने अपने एक ट्वीट में दे दिया है.

दरअसल, हाल ही प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बीजेपी के कथित चाणक्य और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) समेत राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात की थी. इसके बाद से ही उनके एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष बनने के कयास लगाए जा रहे थे. वहीं अब उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, "संगठन सरकार से बड़ा है!"

क्या है इस ट्वीट का संकेत

केशव प्रसाद मौर्य के इस ट्वीट का यह संकेत माना जा रहा है कि वे एक बार फिर उत्तर प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाल सकते हैं. वहीं ऐसे में उनके हाथों से योगी सरकार में डिप्टी सीएम की कुर्सी चली जाएगी. इसी के चलते ही उन्होंने इशारों-इशारों में बीजेपी संगठन को सरकार से बड़ा बताया है.

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पहले भी संभाल चुके हैं पद

गौरतलब है कि साल 2017 का विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में लड़ा था. अभी योगी सरकार में ब्राह्मणों को साधने के लिए जहां डिप्टी सीएम का एक अहम पद ब्रजेश पाठक को मिला है तो बीजेपी ओबीसी आबादी को साधने के लिए एक बार फिर केशव मौर्य को आगे करती दिख रही है. हालांकि 2022 में सिराथू से केशव हार गए थे जिसके चलते बीजेपी की काफी किरकिरी भी हुई थी.

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खाली है प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी

आपको बता दें कि साल 2022 का विधानसभा चुनाव बीजेपी ने ओबीसी चेहरे स्वंतत्रदेव सिंह की अध्यक्षता में लड़ा था. इसमें पार्टी का मुख्य फोकस नॉन यादव ओबीसी वोटरों को साधने का था जिसमें पार्टी काफी हद तक सफल भी रही थी लेकिन अब स्वतंत्रदेव सिंह को योगी कैबिनेट में जगह मिली है. इसके चलते अध्यक्ष पद की खाली कुर्सी पर एक बार फिर केशव को बिठाया जा सकता है.

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