भारत ने किया 'जैसे को तैसा' वाला काम, ब्रिटिश दूतावास के बाहर से हटाए गए बैरिकेड

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 22, 2023, 05:29 PM IST

British High Commission.

दिल्ली के चाणक्यपुरी में ब्रिटिश हाईकमीशन के बाहर लगे बैरिकेड्स को हटा दिया गया है. इसे लंदन में हुए हमले के विरोध से जोड़कर देखा जा रहा है.

डीएनए हिंदी: देश के खिलाफ एक बार फिर पंजाब और कुछ देशों में खालिस्तान मूवमेंट पांव पसारने लगा है. हाल ही में लंदन में भारतीय दूतावास के बाहर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद बुधवार को भारत ने कई अहम फैसले किए हैं. ब्रिटिश हाई कमीशन और एंबेसडर अपार्टमेंट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कम कर दी गई है. 

वारिस पंजाब दे चीफ और खालिस्तान के पोस्ट बॉय बने अमृतपाल सिंह पर पंजाब में हुई पुलिस की कार्रवाई के बाद ब्रिटेन में जमकर हंगामा बरपा. 19 मार्च को खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में भारतीय हाई कमीशन के कैंपस में हंगमा किया और तोड़फोड़ की. 

हंगामे और तनाव के बीच लंदन पुलिस बेहद देर से पहुंची. वहां मौजूद भारतीय समुदाय ने इस घटना की निंदा की थी और पुलिस के देरी से पहुंचने पर सवाल खड़े किए थे.भारत ने खुफिया रिपोर्ट में ब्रिटेन को जानकारी दी थी कि खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं की रैलियां हिंसक हो सकती हैं.

इसे भी पढ़ें- PM Modi Corona meeting: कोरोना पर कुछ ही देर में पीएम मोदी की बड़ी बैठक, जानें क्यों अलर्ट है सरकार

भारत ने दिया 'जैसे को तैसा' जवाब

ब्रिटेन के हाई कमिश्नर क्रिस्टीना स्कॉट को लंदन में हुई वारदात को लेकर तलब किया था. भारत ने कहा था कि ऐसी गतिविधियों पर देश को कड़ी आपत्ति है. विदेशमंत्रालय ने कहा कि इस पर सख्त ऐक्शन होना चाहिए. ब्रिटेन में भारत के खिलाफ भड़के अलगाववाद आंदोलन को लेकर भारत ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है. 

क्या है भारत की चिंता?

भारत ने ब्रिटेन के हाई कमिश्नर से सवाल किया कि आखिर किस वजह से भारतीय दूतावास पर सुरक्षा व्यवस्था मुहैया नहीं कराई गई थी. भारत ने तत्काल आग्रह किया है कि एंबेसी पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त ऐक्शन लिया जाए.

भारत ने वियना कन्वेंशन की दिलाई याद

भारत सरकार ने भी ब्रिटेन को वियना कन्वेंशन के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं की याद दिलाई और अनुरोध किया कि इस घटना को दोबारा न दोहराया जाए. सरकार ने कहा है कि ब्रिटेन को ऐसे मामलों के प्रति अधिक संवेदनशील होना चाहिए. सैन फ्रांसिस्को में भी एक ऐसा ही खालिस्तान के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसका भारतीय दूतावास ने विरोध किया था.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

British High Commission Alex Ellis British High Commissioner Khalistan Row