डीएनए हिंदी: खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग (Khalistani Supporter) पर हमले की धमकी दी है. इसके बाद ब्रिटेन सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली (James Cleverly) ने कहा है कि लंदन में भारतीय उच्चायोग पर किसी भी तरह का हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है. ऐसे करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. क्लेवरली ने कहा कि ब्रिटेन में भारत के राजनयिक मिशन के कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है.
ब्रिटिश सरकार का यह बयान सोशल मीडिया चैनलों पर खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा भारतीय उच्चायोग को घेरने की धमकी के बाद आया है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने ट्वीट किया कि देश में भारत के राजनयिक मिशन के कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है. बता दें कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भारतीय राजनयिक मिशन को निशाना बनाए जाने के बाद ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी और बर्मिंघम में भारत के महावाणिज्यदूत डॉ. शशांक विक्रम की तस्वीरों के साथ कुछ धमकी भरे पोस्टर सामने आए हैं.
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी ने खत्म की राजस्थान नेताओं की रार? सचिन पायलट बोले 'जो पार्टी बोलेगी वही करूंगा'
क्लेवरली ने कहा, ‘लंदन में भारतीय उच्चायोग पर कोई भी प्रत्यक्ष हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है. हमने भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी और भारत सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि हाई कमीशन में कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है. गौरतलब है कि इससे पहले मार्च में खालिस्तानी चरमपंथियों ने लंदन में ‘इंडिया हाउस’ को निशाना बनाया था. जिसके बाद उच्चायोग की इमारत के बाहर मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी.
भारत ने खालिस्तानियों को लेकर चेताया
क्लेवरली ने कहा कि ब्रिटिश सरकार भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा की समीक्षा करने के लिए पुलिस के साथ मिलकर काम करेगी और इसके कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के वास्ते आवश्यक बदलाव करेगी. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा था कि ‘चरमपंथी, अतिवादी’ खालिस्तानी सोच भारत या अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे सहयोगी देशों के लिए ठीक नहीं है.
ये भी पढ़ें- UCC पर केंद्र सरकार ने उठाया पहला बड़ा कदम, GoM का किया गठन, इन मंत्रियों को मिली अहम जिम्मेदारी
विदेश मंत्री ने कहा था, ‘हमने कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे हमारे सहयोगी देशों, जहां खालिस्तानी गतिविधियां हुई हैं, उनसे आग्रह किया है कि वे खालिस्तानियों को तवज्जो नहीं दें, क्योंकि उनकी (खालिस्तानियों की) चरमपंथी, अतिवादी सोच न तो हमारे लिए ही उनके लिये और न ही उनसे (उन देशों से) हमारे संबंधों के लिए ठीक है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.