खूंटी संसदीय क्षेत्र का उलिहातु स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जन्मस्थली है. इस लिहाज से खूंटी जिला ऐतिहासिक जगह है. खूंटी लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इस संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. ये सीटें हैं - खरसावन, तमर, तोरपा, खूंटी, कोलेबीरा और सिमडेगा. खूंटी लोकसभा सीट के लिए 13 मई 2024 को मतदान होना है.
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खूंटी लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट तो है, पर यह सीट भाजपा के खाते में रही है. इस बार भी बीजेपी ने अर्जुन मुंडा पर भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस ने काली चरण मुंडा पर फिर दांव खेला है. बता दें कि 2019 में मामूली अंतर से खूंटी लोकसभा सीट पर बीजेपी के अर्जुन मुंडा ने जीत दर्ज की थी. उन्हें कुल 382638 वोट मिले थे, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रत्याशी काली चरण मुंडा रहे थे. उन्हें इस क्षेत्र के 381193 मतदाताओं का समर्थन मिला था. इस तरह अर्जुन मुंडा 4445 वोटों के अंतर से यह चुनाव जीत पाए थे. हालांकि खूंटी लोकसभा सीट से बीजेपी के कड़िया मुंडा 7 बार सांसद रहे हैं. इस सीट के लिए 1989, 1991, 1996, 1998 और 1999 के आम चुनाव में बीजेपी की ओर से लगातार 5 बार कड़िया मुंडा ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2004 में यह सीट कांग्रेस की सुशीला केरट्टा के नाम रही, लेकिन फिर 2009 और 2014 में बीजेपी की कड़िया मुंडा ने यह सीट जीती.
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2019 के चुनाव में खूंटी लोकसभा सीट पर कुल 1202664 थे. इसमें महिला वोटरों की संख्या 598630 थी जबकि पुरुष वोटर 604032 थे. खूंटी संसदीय क्षेत्र में 60% से ज्यादा आदिवासी वोटर हैं. इनमें मुंडा और उरांव सहित आदिवासियों के अलग समुदाय हैं. खूंटी लोकसभा सीट मुख्य रूप से मुंडा जनजातियों के लिए जानी जाती है.
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