शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी शिक्षा पदाधिकारी DEO और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी DPO के अप्रैल के वेतन पर रोक लगा दी है. बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है.
मांगा जवाब
प्रशासन निदेशक सुबोध कुमार चौधरी ने इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस नोटिस का जवाब 24 घंटे के अंदर देने को कहा गया है. पत्र में साफ कर दिया गया है कि शिक्षा पदाधिकारियों की तरफ से दिये गये स्पष्टीकरण पर निर्णय होने तक अप्रैल तका वेतन नहीं दिया जायेगा. जानकारी के अनुसार, 29 अप्रैल को अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित स्कूली शिक्षकों के वेतन भुगतान की समीक्षा की थी. इस समीक्षा में मिला कि बिहार लोक सेवा आयोग ने जिन स्कूली शिक्षकों का चयन किया था उनके वेतन भुगतान की प्रक्रिया जिला शिक्षा पदाधिकारियों के स्तर पर रुकी हुई है. इसके बाद यह कार्रवाई शुरू की गई.
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल यह कार्रवाई बीपीएससी द्वारा नियुक्त लगभग एक हजार शिक्षकों के वेतन भुगतान नहीं होने पर की है. केके पाठक द्वारा की गयी समीक्षा में यह भी पाया गया कि सभी नियोजित शिक्षकों के मार्च के वेतन का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पहले भी इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारियों को वेतन भुगतान करने को कहा था. इसके बावजूद प्रथम व द्वितीय चरण के स्कूली शिक्षकों को वेतन भुगतान नहीं किया गया.
यह आदेश जारी होते ही जिला शिक्षा पदाधिकारियों और डीपीओ में हंगामा मचा हुआ है. विभाग ने कहा है कि पहले उन सभी शिक्षकों का वेतन भुगतान हो, उसके बाद ही जिला शिक्षा पदाधिकारी और डीपीओ के वेतन का भुगतान किया जाएगा.
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