डीएनए हिंदी: इस बार आजादी का पर्व खास है. इस बार आजादी के अमृत महोत्सव का जश्न है. आजादी के ये 75 साल खास तरह से सेलिब्रेट हों इसके लिए सरकार ने भी अपनी तरफ से खास योजना बनाई है. इसका नाम है हर-घर तिरंगा अभियान. हाल ही में अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में पीएम मोदी ने इस अभियान का तो जिक्र किया ही साथ ही देशवासियों से 2 अगस्त यानी आज ही के दिन से सोशल मीडिया प्रोफाइल के तौर पर तिरंगे की तस्वीर लगाने की अपील भी की. इन्होंने इस अपील के लिए 2 अगस्त की तारीख चुनने की अहम वजह भी बताई. इस वजह के बारे में हम सबको जानकारी होनी चाहिए.
तिरंगे से क्या है 2 अगस्त की तारीख का खास कनेक्शन?
भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है ये बात तो सभी जानते हैं. ये बात कम लोगों को पता होगी कि इस तिरंगे को बनाया किसने था. इसे बनाने वाले शख्स का नाम था- पिंगली वैंकेया. खास बात ये है कि पिंगली वैंकेया का जन्म 2 अगस्त को ही हुआ था. यही वजह है कि पीएम मोदी ने 2 अगस्त की तारीख से ही तिरंगे को सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाने की अपील की है. उन्होंने 'मन की बात' में कहा था- 2 अगस्त के दिन ही पिंगली वेंकैया जी की जन्म-जयंती होती है, जिन्होंने हमारे राष्ट्रीय ध्वज को डिजाइन किया था. मैं उन्हें, आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.' पीएम मोदी ने कहा, 'मेरा एक सुझाव ये भी है, कि 2 अगस्त से 15 अगस्त तक, हम सभी अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पिक्चर (Social Media Profile Pictures) में तिरंगा लगा सकते हैं.'
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पीएम मोदी और अमित शाह ने भी DP में लगाया तिरंगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर तिरंगे की तस्वीर लगाकर ट्विट किया है. साथ ही उन्होंने देश की जनता से भी ऐसा करने की अपील की है.
पीएम मोदी के साथ ही गृहमंत्री अमित शाह ने भी प्रोफाइल पिक्चर पर तिरंगा लगाकर सोशल मीडिया पोस्ट की है. उन्होंने लिखा है. देश की अखंडता और स्वाभिमान के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के रचनाकार श्री पिंगली वेंकैया जी ने देशभक्ति के रंगों से राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया. राष्ट्रसेवा के महायज्ञ में अपना विशिष्ट योगदान देने वाले ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी की जयंती पर उन्हें नमन.
कैसे बना था हमारे देश का तिरंगा?
पिंगली वेंकैया का जन्म सन् 1876 में हुआ था. वह आंध्र प्रदेश में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में पले-बढ़े. शुरुआती पढ़ाई आंध्र प्रदेश में करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी गए. जब भारत आए तो गांधीजी के संपर्क में आए और फिर भारत की आजादी लड़ाई में शामिल हो गए.बताया जाता है कि उन्होंने उन्होंने 5 साल से ज्यादा समय के रिसर्च और अध्ययन के बाद तिरंगे का डिजाइन तैयार किया था. इसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था और फिर आजादी के दिन पूरे देश में यह झंडा हमारी पहचान बना.
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