कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के मामले में सीबीआई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जांच की स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी. रिपोर्ट में CBI ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. एजेंसी ने बताया कि इस पूरे मामले में लीपापोती की कोशिश की गई. स्टेटस रिपोर्ट में अस्पताल प्रशासन को सीधे कठघरे में खड़ा किया है. सीबीआई ने पूर्व प्रिसिंपल की भूमिका पर भी सवाल उठाएं और कहा कि उन्होंने इस मामले को दबाने के लिए आत्महत्या बताने की कोशिश की.
सीबीआई ने स्टेटस रिपोर्ट में सु्प्रीम कोर्ट को बताया कि जांच में अब तक उसे जो सबूत मिले हैं, उससे गैंग रेप की पुष्टि नहीं होती है. फॉरेसिंक रिपोर्ट और CCTV के सबूतों से अब तक सिर्फ आरोपी संजय रॉय की संलिप्तता पाई गई है. उसी ने ही रेप के बाद हत्या को अंजाम दिया था. जांच टीम ने ऑटोप्सी रिपोर्ट की भी जांच की, उसमें भी गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुई. सीबीआई इस वारदात में किसी अन्य के शामिल होने का पता लगा रही है.
संदीप घोष से 77 घंटे की गई पूछताछ
रिपोर्ट में कहा गया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिसिंपल संदीप घोष से लगातार पूछताछ की जा रही है. सीबीआई की टीम अब तक उनसे करीब 77 घंटे पूछताछ कर चुकी है. उनके बयान में कुछ खामिया मिली हैं. जांच एजेंसी को इस बात के सबूत मिले हैं कि वारदात की जगह पर सबूत मिटाने के लिए छेड़खानी की गई. मामले को संभालने में अस्पताल के अधिकारी और अन्य स्टाफ विफल रहे.
सीबीआई ने कहा कि इतनी संगीन मामले में अस्पताल के अधिकारी, खासकर मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ. संदीप घोष ने लापरवाही बरती. उन्होंने घटना के बाद अपराध स्थल की पूरी तरह से सुरक्षा नहीं की. घोष को जब डॉक्टर की हत्या का पता चल गया था तो उन्होंने कार्रवाई करने की बजाए आत्महत्या करार देने की कोशिश की. परजिनों को भी उसका शव नहीं दिखाया.
यह भी पढ़ें- Kolkata Rape-Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर के शरीर में '151 मिलीग्राम वीर्य' की थ्योरी को किया खारिज, वकील को कही ये बड़ी बात
जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि अस्पताल का रेनोवेशन का काम भी उसकी जांच के घेरे में है. इस सिलिसेल में पूर्व प्रिसिंपल संदीप घोष से पूछताछ की जा रही है. FIR दर्ज करने में देरी की भी जांच की जा रही है. कोलकाता पुलिस भी जांच के दायरे में है. सीबीआई यह भी जांच कर रही है कि संजय रॉय के साथ इस वारदात में क्या कोई और भी शामिल था. अस्पताल के किस कर्मचारियों ने क्या भूमिका निभाई थी.
क्या था पूरा मामला?
बता दें कि 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की तीसरी मंजिल पर सेमिनार हॉल में 31 साल की ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव मिला था. उसके शरीर पर कपड़े भी नहीं थे. शव खून से लथपथ था. महिला के शरीर पर चोटों के निशान थे. हाईकोर्ट के आदेश पर यह केस सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.