कोलकाता में RG Kar मेडिकल अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में सीबीआई के जांच अधिकारी और सरकारी वकील के 40 मिनट की देरी से आने के कारण कल सियालदह कोर्ट में नाराजगी देखने को मिली. कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि क्या वो मुख्य आरोपी को जमानत दे दें? अदालत ने सीबीआई को फटकार लगाई और कहा कि यह उनके सुस्त रवैया को दर्शाता है.
मजिस्ट्रेट ने CBI के प्रति जाहीर की अपनी नाराजगी
सियालदह कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) पामेला गुप्ता को 4:10 बजे सीबीआई अधिकारी ने बताया कि सरकारी वकील अभी तक नहीं आए हैं. इस पर पामेला गुप्ता ने टिप्पणी की कि यदि वकील मौजूद नहीं हैं, तो संजय रॉय को जमानत मिलनी चाहिए.जब दीपक पोरिया की देरी होने के बाद भी नहीं पहुंचे, तो मजिस्ट्रेट ने सीबीआई अधिकारी से वकील को कॉल करने के लिए कहा और कहा, 'अभी 4:20 बज चुके हैं और यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.'
शुक्रवार दोपहर को सियालदह अदालत में संजय रॉय को लाया गया था, जहां उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी. इसी दौरान सीबीआई के जांच अधिकारी काफी समय बाद कोर्ट पहुंचे थे. आपको बता दें संजय रॉय को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
जमानत याचिका पर होनी थी सुनवाई
आपको बता दें कि करीब 40 मिनट की देरी के बाद सीबीआई के जांच अधिकारी और सरकारी वकील कोर्ट पहुंचे, जिसके बाद बचाव पक्ष के वकील ने भी देरी का मुद्दा उठाया. फिर दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं और मजिस्ट्रेट ने रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में 8-9 अगस्त की रात एक ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार कर हत्या कर दी गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह पता चला था कि उसकी मौत सुबह 3 से 5 बजे के बीच हुई थी और हत्या से पहले उसके शरीर पर कई गंभीर चोटें भी पाई गई थीं.
तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी और सीबीआई पर उठाए सवाल
तृणमूल कांग्रेस की नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य ने इस पूरे घटना के बाद कहा, 'कोर्ट नाराज हुई, इंतजार किया, फिर भी कोई नहीं आया. हम पूछना चाहते हैं कि क्या हुआ? विपक्ष इस पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहा है? सीबीआई को इस मामले की जांच करते हुए 24 दिन और 570 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन नतीजा क्या है? पूरा देश सवाल पूछ रहा है. यह दिखाता है कि सीबीआई इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है.'
इस पूरे मामले में तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा और सीबीआई को घेरते हुए सवाल उठाया कि अधिकारी इतने संवेदनशील मामले में देरी कैसे कर सकते हैं. टीएमसी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने आरोप लगाया कि सीबीआई संजय रॉय को जमानत पर रिहा करना चाहती है.
साकेत गोखले ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'सीबीआई बलात्कार और हत्या के आरोपी राक्षस को जमानत पर रिहा करवाना चाहती है. सीबीआई, भाजपा और मोदी सरकार द्वारा राजनीतिक एजेंडा चलाने और इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है.सीबीआई इस राक्षस को जमानत कैसे दे सकती है? कौन सा भयावह एजेंडा खेला जा रहा है? आज सीबीआई अदालत में अनुपस्थित क्यों थी?'
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