'मेरी बात सुनें, वरना कोर्ट से बाहर निकाल दूंगा', कोलकाता मामले में वकील पर क्यों भड़के CJI चंद्रचूड़?

रईश खान | Updated:Sep 17, 2024, 06:39 PM IST

CJI DY Chandrachud

कोलकाता रेप-मर्डर मामले में दायर एक याचिका पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ याचिकाकर्ता की एक मांग पर कड़ी फटकार लगाई.

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कोलकाता घटना के बाद सीएम ममता बनर्जी का इस्तीफा मांगा गया था. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिका दायर करने वाले वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के इस्तीफे का आदेश पारित करने का अधिकार कोर्ट के पास नहीं है.

वकील ने याचिका में मांग की थी कि कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के बाद जो लापरवाही बरती गई, उसके लिए कहीं न कहीं मुख्यमंत्री भी जिम्मेदार हैं. इसलिए कोर्ट को उन्हें इस्तीफा देने का आदेश देना चाहिए. CJI ने कहा, 'यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है. आप बार के सदस्य हैं. हम जो कहते हैं, उसके लिए हमें आपकी पुष्टि की आवश्यकता नहीं है. आप जो कहते हैं, वह कानूनी अनुशासन के नियमों के अनुसार होना चाहिए.' 

चीफ जस्टिस ने कहा, ‘हम यहां यह देखने के लिए नहीं बैठे हैं कि आप किसी राजनीतिक पदाधिकारी के बारे में क्या सोचते हैं. हम डॉक्टरों की विशिष्ट शिकायतों के मामले निपटा रहे हैं. अगर आप मुझसे यह निर्देश देने के लिए कहते हैं कि मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए तो यह हमारे अधिकार क्षेत्र का हिस्सा नहीं है.’ 


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'कृपया आप मेरी बात सुनें...'
पीठ के इतने कहने के बाद भी वकील बहस करता रहा तो सीजेआई ने चेतादनी दी कि उन्हें कोर्ट से बाहर निकालना पड़ेगा. चीफ जस्टिस ने कहा, 'देखिए मुझे खेद है, कृपया आप मेरी बात सुनें, अन्यथा मैं आपको कोर्ट से बाहर निकाल दूंगा.'

CBI से मांगी रिपोर्ट
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच पर एक रिपोर्ट सौंपने का मंगलवार को निर्देश दिया. कोर्ट ने दुष्कर्म और हत्या की घटना के संबंध में सीबीआई द्वारा दाखिल वस्तु स्थिति रिपोर्ट पर भी गौर किया और कहा कि स्थिति का खुलासा करने से आगे की जांच खतरे में पड़ जाएगी. घटना से संबंधित स्वत: सज्ञान मामले में सुनवाई के सीधे प्रसारण पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह जनहित का मामला है और जनता को पता होना चाहिए कि अदालत कक्ष में क्या हो रहा है.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्रीय जांच एजेंसी को अस्पताल के चिकित्सा विभागों में कथित वित्तीय अनियमितताओं पर अभी तक की जांच पर एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा. कोर्ट ने बाद में मामले की सुनवाई स्थगित कर दी और इस पर एक सप्ताह बाद सुनवाई की तारीख तय की.

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